दर्जनों हत्याएं की, उजाड़ डाले सैकड़ों के घर; कौन था मारा गया खूंखार उग्रवादी पप्पू लोहरा
झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) का सुप्रीमो पप्पू लोहरा अपने ही गृह क्षेत्र सदर थाना के लुंडी गांव से कुछ ही दूरी पर पुलिस के हाथों मारा गया। लोहरा ने दर्जनों हत्याएं की थीं।

झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) का सुप्रीमो पप्पू लोहरा अपने ही गृह क्षेत्र सदर थाना के लुंडी गांव से कुछ ही दूरी पर पुलिस के हाथों मारा गया। पप्पू लोहरा क्षेत्र में आतंक का पर्याय माना जाता था। लोग बताते हैं कि बिना उसकी जानकारी के एक पत्ता भी नहीं हिलता था। लातेहार, लोहरदगा और पलामू में उसका इतना दबदबा था कि इलाके में बिना उसको लेवी दिए कोई काम नहीं कर सकता था।
मालूम हो कि पप्पू लोहरा से माओवादी भी खौफ खाते थे। यही कारण था कि 15 सालों से वह जेजेएमपी का सुप्रीमो बनकर माओवादियों को अपने इलाके में चढ़ने नहीं दिया। पप्पू लोहार पहले माओवादी ही था। बाद में किसी कारण से माओवादी संगठन के साथ उसकी अनबन हो गई।
जानकार बताते हैं कि उसने माओवादियों के साथ गद्दारी कर दी थी। इससे नाराज होकर नक्सलियों ने उसके खिलाफ मौत का फरमान जारी किया था, परंतु वह माओवादियों को चकमा देकर भाग निकला। बाद में संजय यादव के मारे जाने के बाद वह संगठन का सुप्रीमो बन गया। पहले तो वह जंगलों तक ही सीमित था, लेकिन बाद में वह शहर में भी आतंक फैलाने लगा।
लातेहार में नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने कहा है कि यह झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता है। मीडिया से शनिवार को बातचीत में उन्होंने कहा कि इस घटना में दो नक्सली मारे गए, जबकि एक को पकड़ा गया। एक पुलिस जवान भी घायल हुआ है, जो खतरे से बाहर है। डीजीपी ने कहा है कि पप्पू लोहरा टॉप नक्सली व अपराधी था, जिसने दर्जनों हत्याएं की और सैकड़ों घर उजाड़े थे। वह मारा गया है। यही आज की खबर है।
आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने भी कहा कि यह झारखंड पुलिस और राज्य में नक्सल के खिलाफ काम कर रहे सभी संयुक्त बलों की बड़ी सफलता का दिन है। झारखंड पुलिस को शुक्रवार को सूचना मिली थी, जिसमें जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा और उसकी पूरी टीम एक घटना को अंजाम देने के लिए जमा हुई थी। उसके बाद लातेहार एसपी के नेतृत्व में सुरक्षा बलों द्वारा रात में ही अभियान चलाया गया। पुलिस जब सर्च अभियान चला रही थी, तब नक्सलियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई।
दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी हुई। इसमें पप्पू लोहरा और प्रभात गंजू मारे गए। दोनों के शव मिल गए है। वहीं, एक उग्रवादी के पैर में गोली लगी थी, जिसे पुलिस ने कस्टडी में लिया है। पप्पू लोहरा पर 10 लाख और सब जोनल कमांडर प्रभात गंजू पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था।