पालकी पर आएंगी और मुर्गा पर विदा होंगी मां दुर्गा
इस वर्ष शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। मां दुर्गा पालकी पर आ रही हैं, जो शुभ मानी जाती है। देवी का गमन मुर्गे पर होगा, जिससे देश में कष्ट बढ़ने की मान्यता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की...
धनबाद, वरीय संवाददाता शारदीय नवरात्र आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत तीन अक्तूबर को हो रही है। वैसे तो मां दुर्गा की सवारी सिंह है, लेकिन प्रत्येक वर्ष दिन के अनुसार मां अलग-अलग वाहनों से भूलोक पर आती हैं और अलग वाहन से माता का गमन होता है। ऐसी मान्यता है कि माता का आगमन और गमन के दौरान वाहन का असर देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था, युद्ध व मौसम पर पड़ता है।
इस वर्ष माता पालकी पर सवार होकर आ रही हैं। देवी पुराण के अनुसार जब मां अंबे गुरुवार को पधारती हैं तो उनका वाहन पालकी होता है। पालकी की सवारी को देवी पुराण में शुभ माना गया गया है। हालांकि पालकी की सवारी को आंशिक महामारी का द्योतक भी माना गया है।
चरणायुध अर्थात मुर्गे पर होगा माता का गमन
खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि इस वर्ष मां भगवती चरणायुध यानी बड़े पंजे वाले मुर्गे पर सवार होकर जा रही हैं। मान्यता है कि राष्ट्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। माता की यह सवारी देश में दुख और कष्ट का कारण बनता है। शनिवार को मां दुर्गा भूलोक छोड़कर जाती हैं, जिससे विकलता में वृद्धि होती है।
नवरात्र की तिथियां
कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा: 03 अक्तूबर
दिृतीय ब्रह्मचारिणी : 04 अक्तूबर
तृतीया चन्द्रघंटा : 05 अक्तूबर (वृद्धि तिथि)
चतुर्थ कूष्माण्डा: 06 अक्तूबर
पंचमी स्कन्दमाता: 07 अक्तूबर
षष्ठी कात्यायनी: 08 अक्तूबर
सप्तमी कालरात्रि : 09 अक्तूबर
अष्टमी महागौरी : 10 अक्तूबर
नवमी मां सिद्धीदात्री : 11 अक्तूबर
विजयादशमी: 12 अक्तूबर
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