करवा चौथ: छलनी से पहले चांद, फिर सुहाग का दीदार
धनबाद में सुहागिनों ने करवा चौथ का त्योहार श्रद्धा से मनाया। उन्होंने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा का दर्शन कर पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा। शक्ति मंदिर में...
धनबाद, वरीय संवाददाता। हाथों में मेहंदी और सोलह शृंगार कर सुहागिनों ने श्रद्धाभाव के साथ रविवार को करवा चौथ का त्योहार मनाया। घर-घर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत किया। परंपरा के अनुसार चंद्रोदय के बाद चंद्रमा का दर्शन कर पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा। सुहागिनों ने दिनभर निर्जल रहकर संध्या में सोलह शृंगार कर चौथ माता की पूजा-अर्चना कर अखंड सौभाग्य की कामना की। वहीं शक्ति मंदिर में करवा चौथ का सामूहिक पूजन हुआ। दोपहर तीन बजे से ही महिलाएं सुहाग थाल लेकर मंदिर पहुंचने लगीं। शक्ति मंदिर में 251 महिलाओं ने करवा चौथ की कथा सुनी और वीरों कुड़ी की पूजा की। पंडिताइन जानकी देवी ने बड़े विधि-विधान से व्रतियों को कथा सुनाई और आशीर्वाद दिया। मौके पर मंदिर परिसर में पंडाल बनाया गया। इस दौरान पूरे मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर कमेटी, प्रबंधन समिति, महिला सेवादार, शक्ति यूथ के सेवादार, मंदिर के पुजारी व कर्मी लगे थे। संध्या पूजन के उपरांत चंद्रोदय से पूर्व व्रतियों ने पूजा की थाल सजाई, फिर लोटे में जल भर कर रखकर महिलाओं ने काफी देर तक चांद के निकलने का इंतजार किया। चांद के निकलने के बाद दीये रखी छलनी से पहले चंद्रमा का दर्शन किया, फिर अपने सुहाग को देखा। इसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा।
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