समाधान के लिए अनुसंधान करें, नहीं तो सामना करना होगा : प्रो. सुकुमार
आईआईटी आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने ओजोन परत की कमी और भविष्य में तापमान वृद्धि पर चर्चा की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अनुसंधान नहीं किया गया, तो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समस्याएं...
धनबाद, मुख्य संवाददाता आईआईटी आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि भविष्य में तापमान वृद्धि की विभिन्न संभावनाओं के बारे में बात की जा रही है। ओजोन लेयर की कमी पर एक सिद्धांत है, जो कहता है कि तापमान में वृद्धि होगी। अगले 100 वर्षों में यह स्तर ऐसा हो जाएगा कि तापमान बढ़ने से हवा का झोंका बंद हो जाएगा। तापमान में कमी आएगी। तापमान में गिरावट के परिणामस्वरूप हवा का झोंका रुक जाएगा।
आईआईटी धनबाद में सोमवार को आयोजित विश्व ओजोन दिवस पर कार्यक्रम में प्रो. मिश्रा ने कहा कि इसके विपरीत भी हो सकता है, क्योंकि हमने तापमान में क्रमिक वृद्धि के साथ तालमेल बिठा लिया है। हमारा शरीर ऐसा कर सकता है। तापमान में वृद्धि से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करें, जिससे मनुष्य का सुपरमैन के रूप में विकास हो सके।
ओजोन कमी उष्ण कटिबंधीय काउंटियों के लिए और अधिक समस्याएं पैदा करेगी। यह गर्मी के रूप में तीव्र गर्मी के हमले का सामना करते हैं। लहरें भी बढ़ेंगी, जिससे जीवन कठिन हो जाएगा। यदि हम समस्या का समाधान खोजने के लिए इस क्षेत्र में अनुसंधान नहीं करते हैं तो हमें इसका सामना करना पड़ेगा।
मौके पर ड्राइंग, पोस्टर समेत कई प्रतियोगिताएं हुईं। इस वर्ष की थीम मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एडवांसिंग क्लाइमेट एक्शन पर आयोजित किया गया। आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मुकेश शर्मा ने विस्तृत जानकारी दी। ईएसई विभाग के प्रो. मनीष जैन ने ओजोन के महत्व के बारे में बताया। मौके पर प्रो. धीरज कुमार, प्रो. आलोक सिन्हा एचओडी, ईएसई विभाग, प्रो. सुरेश पांडियन आदि थे।
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