'सही जीवनशैली से कई रोगों से मिल सकती है मुक्ति'
धनबाद में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित संगोष्ठी में डॉ जीएस तोमर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान संक्रामक रोगों से हटकर जीवनशैली जन्य रोगों पर है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कई रोगों को रोका जा...
धनबाद, विशेष संवाददाता स्वस्थ जीवनशैली पर आरोग्य भारती की ओर से गुरुवार को आयोजित संगोष्ठी में डॉ जीएस तोमर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान अब संक्रामक रोगों से हटकर जीवनशैली जन्य रोगों की ओर आकृष्ट हो रहा है। तीन चौथाई से अधिक ऐसे रोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है।
आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या, रात्रिचर्या एवं ऋतुचर्या ही आदर्श जीवनशैली है। कोरोना कालखंड में इसे वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिली है। ब्राह्म मुहूर्त में उठने से लेकर ऊषापान, चक्रमण, योगाभ्यास, व्यायाम, प्रतिमर्श नस्य, गंडूष / कवल धारण से लेकर आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य के परिपालन से स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऋतु एवं देशकाल के अनुरूप सही समय पर लिया गया ताजा एवं सुपाच्य पौष्टिक आहार स्वास्थ्य का सबसे महत्वपूर्ण आधार है। ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदों, रागी, चैना, कुटकी, कुट्टू एवं रामदाना जैसे श्री अन्न को जो माइक्रो एवं मैक्रो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, को अपने भोजन में सम्मिलित करके रोगों से बच सकते हैं। वहीं सूर्यास्त के समय ही रात का भोजन कर लें। ठंड के इस मौसम में तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, छोटी पीपर, गुड़ एवं तिल का प्रयोग किसी न किसी रूप में अवश्य करना चाहिए। डॉ अमरेन्द्र पाठक, डॉ विकास रमन, जय प्रकाशनारायण सिंह,दयाशंकर चौबे, यतीन्द्र नाथ ठाकुर, विकास ओझा, रमा सिन्हा,डी एन सिंह, संगीता शर्मा,सुषमा उपाध्याय ,नीतू सिन्हा, किरण सिन्हा आदि मौजूद थीं।
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