आईआईटी धनबाद में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में वृद्धि पर मंथन
धनबाद में आईआईटी के उद्घाटन के अवसर पर विशेषज्ञों ने प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत और सतत विकास लक्ष्यों के बीच संतुलन पर चर्चा की। प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि ऊर्जा खपत विकास का एक मुख्य संकेतक है, और...
धनबाद, मुख्य संवाददाता देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों के विशेषज्ञों ने गुरुवार को प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में वृद्धि और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) आदि के बीच संतुलन के मुद्दे पर मंथन किया। मौका था आईआईटी धनबाद में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ ड्रिलिंग कॉन्ट्रैक्टर्स (आईएडीसी) के छात्र चैप्टर के उद्घाटन का। उद्घाटन ओपी सिंह निदेशक प्रौद्योगिकी और क्षेत्र सेवा ओएनजीसी, लार्स निडहल जॉर्जेनसन क्षेत्रीय निदेशक, आईएडीसी डेनमार्क, नीलाद्री मित्रा, मुख्य सलाहकार, मैकडरमोट इंटरनेशनल लिमिटेड, अरुण कार्ले, अध्यक्ष, अस्कारा समूह, प्रो. सुकुमार मिश्रा, निदेशक, आईआईटी आईएसएम ने किया।
प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत विकास के प्रमुख संकेतकों में से एक है। जैसे-जैसे हम विकास आवश्यकताओं के अनुसार अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हैं। प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत बढ़नी तय है, लेकिन हमें इसे स्थायी तरीके से करना होगा ताकि यह हमारी अगली पीढ़ी को प्रभावित न करे। यह सब भाषाई रूप से बहुत आसान लगता है, परंतु वास्तव में यह मुश्किल है। कहा ऊर्जा परिवहन के नए साधनों का पता शोध से लगाने की आवश्यकता है। लार्स जॉर्जेनसन समेत अन्य ने संबोधित किया। प्रो. केके ओझा एचओडी, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग ने तेल क्षेत्र के साथ आने वाली चुनौतियों का वर्णन किया।
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