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डीआरडीएकर्मियों की ईपीएफ राशि नहीं हो रही है जमा

धनबाद के डीआरडीए अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की ईपीएफ-सीपीएफ राशि का सही तरीके से जमा नहीं किया जा रहा है। शिकायत में कहा गया है कि कर्मचारियों की कटौती की गई राशि बैंकों में जमा की जा रही है, जबकि...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादTue, 10 Sep 2024 02:28 AM
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धनबाद, विशेष संवाददाता डीआरडीए अधिकारियों के खेल निराले हैं। कभी स्थायीकर्मी को संविदाकर्मी बना देते हैं तो कभी सरकार तथा कोर्ट के आदेश पर भी कोई कार्रवाई नहीं करते। अब हद इस बात की हो गई है कि डीआरडीए के कुछ कर्मचारियों के ईपीए- सीपीएफ की राशि जमा नहीं हो रही है। ऐसे कर्मियों के वेतन से ईपीएफ की राशि की कटौती हो की जा रही है लेकिन राशि को ईपीएफ-सीपीएफ की जगह बैंकों में जमा किया जा रहा है। मामले का खुलासा आरटीआई से मांगी गई जानकारी से हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस मामले की शिकायत भविष्य निधि आयुक्त, क्षेत्रीय कार्यालय, रांची से भी की है। इसकी प्रतिलिपि धनबाद ईपीएफ कार्यालय को भी दी गई है।

क्या है शिकायत पत्र में

शिकायत पत्र में बताया गया है कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार डीआरडीए के कर्मचारियों को भविष्य निधि संगठन से जोड़ा गया है। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, बिहार की ओर से धनबाद के कर्मियों के लिए कोड (बीआर-6485) जारी किया गया था। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद कोड जेएच-6485 हो गया। तय नियमों के अनुसार इसी कोड में ईपीएफ की राशि (कर्मचारी के वेतन से कटौती की गई राशि तथा नियोक्ता की ओर जारी राशि) को जमा करना है।

शिकायत पत्र में बताया गया है कि डीआरडीए में काम करनेवाले रात्रि प्रहरी सह अनुसेवक अवेधश दास की मौत 16 नवंबर 2020 में हो गई। इसकी नियुक्ति 1982 में हुई थी। अवधेश ने करीब 38 वर्षों तक नौकरी की। इतने लंबे समय तक नौकरी के बाद उनके आश्रितों को करीब 22 हजार रुपए की राशि का ही भुगतान किया गया। अवधेश के पुत्र की ओर से इस पर आपत्ति जताने पर बताया गया कि आपके पिता की ईपीएफ की राशि बैंक ऑफ इंडिया के बचत खाते में जमा किया जा रहा था। यह भी बताया गया कि पिता ने कुछ राशि निकाली थी। इस कारण कम राशि का भुगतान किया गया है। शिकायत पत्र में यह भी बताया गया है कि 2017 में अवधेश को संविदाकर्मी बना दिया गया। इसके बाद ईपीएफ की राशि बैंक में भी जमा नहीं की गई। शिकायत पत्र में मांग की गई है कि वर्तमान में कार्यरत डीआरडीए के शेष कर्मचारियों की कटौती की राशि बैंक की जगह ईपीएफ में जमा करवाने की व्यवस्था की जाए।

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