चिरकुंडा क्षेत्र में मटमैला जलापूर्ति होने से लोगों में आक्रोश
चिरकुंडा क्षेत्र में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत मटमैला और गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है, जो पीने योग्य नहीं है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। नगर परिषद ने बताया कि गंदे पानी की समस्या का समाधान...
चिरकुंडा, प्रतिनिधि। चिरकुंडा नगर शहरी जलापूर्ति योजना के तहत चिरकुंडा क्षेत्र में मटमैला व गंदा जलापूर्ति की जा रही है। जो पीने लायक नहीं है। इससे लोगों में आक्रोश है। मटमैला पानी उपयोग में नहीं आ रहा है। पानी प्रदूषित एवं मटमैला है। इसमें मिट्टी की पर्याप्त मात्रा घुली हुई है। बिना फिल्टर किए जलापूर्ति किया जा है। पानी पीने से पीलिया, डायरिया,संक्रमण जैसी बीमारी होने की संभावना है। इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। दो दिनों से प्रत्येक वार्ड एवं मोहल्ले के लोगों द्वारा नगर परिषद के कार्यालय में लगातार शिकायत की जा रही है। बता दें कि शहरी जलापूर्ति योजना मां अंबे केमिकल प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी के द्वारा चलाई जाती है। नगर प्रबंधकीय एवं एजेंसी के बीच कानूनी विवाद के कारण योजना की सुविधा आम नागरिकों को नहीं मिल रही है। जो लापरवाही का नतीजा है। नगर के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार हांसदा ने बताया कि गंदे पानी सप्लाई की शिकायत मिली है। नगर परिषद के द्वारा फिल्टर प्लांट में एलम को डालने का कार्य किया जा रहा है। एक दो दिनों के अंदर जो पानी पूरी तरह से स्वच्छ एवं साफ हो जाएगा। पूर्व की तरह जलापूर्ति की जाएगी।
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