कोल कंपनियों ने शुरू की बारिश से हुए नुकसान की भरपाई
धनबाद: अगस्त-सितंबर में मानसून के कारण कोयला उत्पादन में कमी आई। कोल इंडिया और अन्य कंपनियां अक्टूबर से उत्पादन में सुधार करेंगी। वित्त वर्ष 2024-25 में 1,080 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य है, जिसमें...
धनबाद, विशेष संवाददाता अगस्त-सितंबर में मानसून से कोयला उत्पादन में हुई कमी की भरपाई कोयला कंपनियां अक्तूबर महीने से शुरू करने जा रही हैं। कोल इंडिया के आधिकारिक सूत्रों ने हिन्दुस्तान को बताया कि इस बार झारखंड समेत सभी कोयला बहुल राज्यों में काफी बारिश हुई। इससे कोयला उत्पादन पर प्रभाव पड़ा। स्थिति यह है कि अक्तूबर महीने में भी कोयला परियोजनाओं में पानी भरा है। चालू वित्त वर्ष के बचे छह माह में उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बाबत कोयला मंत्रालय ने भी कंपनियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है।
कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2024-25 के दौरान 1,080 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। कोल इंडिया (सीआईएल) को लक्ष्य का बड़ा हिस्सा 838 मिलियन टन उत्पादन करना है। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एसईसीएल) से 72 मिलियन टन तथा कैप्टिव एवं कॉमर्शियल माइंस से 170 मिलियन टन कोयले की उम्मीद है।
सितंबर माह तक देश का कोयला उत्पादन 453.01 मिलियन टन था। कोल इंडिया का उत्पादन भी लगभग 350 मिलियन टन तक है। यानी बचे छह माह में कोयला कंपनियों को काफी मेहनत करनी है। इधर कोयला मंत्रालय गुरुवार को कैप्टिव एवं कॉमशियल कोल ब्लॉक के उत्पादन की समीक्षा की। 2024-25 की पहली छमाही एक अप्रैल 2024 से 30 सितंबर 2024 के दौरान कैप्टिव और वाणिज्यिक कोल ब्लॉक दोनों से कोयला उत्पादन और प्रेषण में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में वृद्धि है। सितंबर 2024 के दौरान कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दिखी है, जो 68.94 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले साल के इसी महीने के 67.26 मिलियन टन के उत्पादन से अधिक है, जो 2.49% की वृद्धि है।
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