चलकरी में छह बिरहोर बीमार, दो गंभीर
तोपचांची गांव के बिरहोर जनजाति को चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। हाल ही में बिरहोर की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान नहीं दिया। गांव में छह बिरहोर बीमार हैं, लेकिन इलाज और देखरेख की कमी...
तोपचांची, संजय कुमार विलुप्त हो रही आदिम जमजाति बिरहोर संरक्षित घोषित है। जिला में इस आदिम जनजाति का सिर्फ एक गांव तोपचांची का चलकरी है। यहां भी उन्हें मुकम्मल चिकित्सीय सुविधाएं नहीं मिल रहीं। पिछले दिनों एक बीमार बिरहोर की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग नहीं चेत रहा। गांव में छह बिरहोर बीमार हैं। न तो उन्हें पर्याप्त इलाज मिल रहा है और न देख रेख। इन्हें बेहतर इलाज देने की बजाय अधिकारी संसाधनों का रोना रो रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों तबीयत खराब होने के बाद इस गांव के बड़ा चरका बिरहोर की मौत हो गई थी। इसी का 50 वर्षीय बड़ा भाई ढेबरा बिरहोर कई दिनों से बीमार है। यह देख नहीं पा रहा है। पेट और पैरों में सूजन है। संतोष बिरहोर एक महीने से बीमार है। घर में पड़ा रहता है। परिजनों के अनुसार दवा और इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी यह स्थिति हो गई है। संजय बिरहोर जख्मी हो गया था। तालाब में नहाने के दौरान इसे चोट लग गई थी। एसएनएमएसमीएच में इलाज चल रहा है। इन सबके अलावा खुनमनी बिरहोर, फागु बिरहोर, चंदलाल सोरेन और कार्तिक बिरहोर की तबीयत भी काफी दिनों से खराब है। सभी गांव में ही है। इलाज के नाम पर इन्हें चलकरी स्थित पीएचसी से दवाएं दी गई है। ये दवाएं वे खा भी रहे हैं या नहीं ये देखने वाला कोई नहीं है। और न ही इनकी उचित जांच कराई गई है।
कुछ बिरहोर बीमार हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। यहां संसाधनों और दवाओं की कमी है। जिला से दवा की मांग की गई है।
- डॉ एके सिंह, प्रभारी, पीएचसी चलकरी
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