कर्म व पुण्य ही साथ जाते हैं : मोहन दास
निरसा के कुसुमकनाली गांव में श्रीमद्भागवत् कथा के दूसरे दिन कथावाचक मोहित मोहन दास ने बताया कि धन के लिए संघर्ष करने से कुछ नहीं होगा, केवल कर्म और पुण्य साथ जाएंगे। राजा परीक्षित ने कथा सुनने के बाद...
निरसा, प्रतिनिधि। निरसा के कुसुमकनाली गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत् कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथावाचक मोहित मोहन दास ने कहा कि लोग धन के लिए निरंतर संघर्ष करते रहते हैं। जो उनके पास है या जो वे चाहते हैं। ये चीजें जहां हैं, वहीं रहेगी। सिर्फ आपके द्वारा किए गए कर्म एवं पुण्य पाप ही साथ जाएंगे। यह बात लोगों को समझनी चाहिए। छह दिनों तक श्रीमद् भागवत कथा सुनने के बाद सातवें दिन राजा परीक्षित को मोह माया से विरक्ति हो गई तथा उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। राजा परीक्षित की मृत्यु के पश्चात कलयुग का प्रारंभ हुआ। हम सभी को नश्वर संसार रहते हुए सत्कर्म एवं संकीर्तन करते रहना चाहिए। यही मोक्ष का सर्वोत्तम माध्यम है।
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