मधुस्थली में अस्थमा व क्रोनिक फेफड़ा रोग पर कार्यशाला
मधुस्थली इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में अस्थमा और क्रोनिक अवरोधक फेफड़ा रोग पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। विद्यार्थियों को इन रोगों की पहचान, बचाव और उपचार की जानकारी दी गई। श्वांस मीटर से...
मधुपुर प्रतिनिधि सलैया स्थित मधुस्थली इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज में अस्थमा और क्रोनिक अवरोधक फेफड़ा रोग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वर्तमान और पुराने सत्र के दर्जनों विद्यार्थी शामिल हुए। शुभम कुमार और सहयोगियों द्वारा अस्थमा रोग और क्रोनिक अवरोधक फेफड़ा रोग की पहचान, इससे कैसे बचा जा सकता है और हो जाने पर इसका किस प्रकार उपचार किया जा सकता है की विस्तृत जानकारी दी गई। इसमें प्रयोग होने वाले इन्हेलर, रोताहेलर और रवॉलिजर के प्रयोग, रख-रखाव की व्यावहारिक जानकारी दी गयी। एक-एक विद्यार्थी ने श्वांस मीटर द्वारा स्वयं के फेफड़े के स्वस्थ्यता की जांच की। मौके पर पैरामेडिकल के प्राचार्य डॉ. आरके मुख़र्जी ने बताया कि इस प्रकार की जानकारी पैरामेडिकल के छात्रों को ही नहीं, लेकिन आमलोगों को भी होनी चाहिए। ताकि जरुरत पड़ने पर समाज की सेवा की जा सके। इस अवसर पर पैरामेडिकल के एडमिनिस्ट्रेटर दिलीप कुमार झा, अध्यापक प्रभात कुमार ओझा, राजेश कुमार साव, राकेश कुमार वर्मा और आशीष कुमार उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।