बच्चों में जागरूकता व कोटपा अधिनियम के पालन पर जोर
देवघर में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य बच्चों को तंबाकू के खतरों से अवगत कराना था। कार्यक्रम में तंबाकू सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों की...
देवघर, प्रतिनिधि। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा के निर्देशानुसार और जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी एनसीडी कोषांग देवघर की अध्यक्षता में गुरुवार को एएनएमटीसी स्कूल, देवघर में तंबाकू निषेध पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को तंबाकू के खतरनाक प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें इस हानिकारक आदत से दूर रखना था। कार्यशाला का उद्घाटन महामारी विशेषज्ञ डॉ. मनीष शेखर और मोहनपुर के दंत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मानस झा ने किया। उन्होंने तंबाकू के सेवन से होने वाले खतरों और उससे जुड़ी बीमारियों पर विस्तार से जानकारी दिये। उन्होंने बताया कि तंबाकू में लगभग 4000 जहरीले तत्व होते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इनमें बालों का झड़ना, मोतियाबिंद, दांतों में सड़न, फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारियां, पेट का अल्सर, और ओरल कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। तंबाकू के उपयोग से आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभाव भी उत्पन्न होते हैं, जो समाज पर एक बड़ा बोझ बन जाते हैं।
कोटपा अधिनियम पर चर्चा : कार्यक्रम के दौरान जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने कोटपा (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम), 2003 के विभिन्न प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए इस अधिनियम की धारा 4, 5, 6ए, 6बी, और 7 महत्वपूर्ण हैं। जिसमें धारा 4: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने पर 200 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। धारा 5: तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप पर रोक है। इसका उल्लंघन करने पर 1000 तक का जुर्माना या 2 साल तक की सजा हो सकती है। धारा 6 ए: बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना या उनसे बेचना अपराध है, जिसके लिए 200 का जुर्माना हो सकता है। धारा 6 बी: किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है। धारा 7: तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर 85% हिस्से में स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने पर 5000 तक का जुर्माना या 2 साल तक की सजा हो सकती है।
प्रतियोगिताएं और पुरस्कार : कार्यक्रम के दौरान तंबाकू के दुष्परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने तंबाकू सेवन के खतरों और इसके दुष्प्रभावों पर अपने विचार व्यक्त किए। भाषण प्रतियोगिता में प्रियंका महतो ने प्रथम, मोनिका मुर्मू ने द्वितीय, और बीना मंडल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अन्य प्रतिभागियों को भी संतावना पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
तंबाकू सेवन नहीं करने की शपथ : कार्यशाला के अंत में, सभी बच्चों को तंबाकू सेवन न करने और इस खतरनाक आदत से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर स्कूल के प्राचार्य कुमारी सुलेखा, जूनियर ट्यूटर दिव्या जोयती, परामर्शी अभिमन्यु दांगी, रवि कुमार सिन्हा, रवि चंद्र मुर्मू, कुमार अभिषेक, अभिषेक सिन्हा, कामेश्वर पंडित, सुमित कुमार दास, अजित कुमार समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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