Cyber Police Arrests 10 Fraudsters in Deoghar Uncovers Major Scam साइबर क्राइम : सिरसा जंगल से 10 साइबर ठग गिरफ्तार, जेल, Deogarh Hindi News - Hindustan
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साइबर क्राइम : सिरसा जंगल से 10 साइबर ठग गिरफ्तार, जेल

देवघर में साइबर थाना पुलिस ने सिरसा जंगल में छापेमारी कर 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग ग्रामीणों को फर्जी कॉल और लिंक के माध्यम से ठगते थे। गिरफ्तार ठगों के पास से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरTue, 29 April 2025 03:09 AM
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साइबर क्राइम : सिरसा जंगल से 10 साइबर ठग गिरफ्तार, जेल

देवघर, प्रतिनिधि साइबर थाना पुलिस ने जिले के सारवां थाना अंतर्गत सिरसा जंगल में छापेमारी कर 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों में सारठ थाना के बरदेही गांव निवासी 28 वर्षीय उपेंद्र कुमार दास, 20 वर्षीय, मुन्ना कुमार दास, जामताड़ा जिला के करमाटांड़ थाना के देवलबाड़ी गांव निवासी 35 वर्षीय मनोरंजन मंडल, मारगोमुंडा थाना के द्वारपहाड़ी गांव निवासी 24 वर्षीय, दुर्योधन मंडल उर्फ दीपक मंडल, पथरोल थाना के गौनैया गांव निवासी 24 वर्षीय, उत्तम कुमार दास, कझियाटांड़ गांव निवासी 25 वर्षीय, बिजेश रवानी, करौं थाना के जगाड़ी गांव निवासी 25 वर्षीय रमेश कुमार मंडल, चितरा थाना के ठाढ़ी गांव निवासी 26 वर्षीय सब्दुल रहीम, पालोजोरी थाना के कुगढ़ा गांव निवासी 20 वर्षीय सरफराज अंसारी, 19 वर्षीय जुनैद अंसारी शामिल है। छापेमारी के दोरान आरोपियों के पास से मिला मोबाइल व सिम कार्ड में 10 मोबाइल फोन,10 सिम कार्ड शामिल है। जिसकी जांच करने पर पता चला कि सभी आरोपियों ने देश भर के लोगों को अपना शिकार बनाया है। सरकार के प्रतिबिम्ब पोर्टल पर 5 सिम र्काड के विरुद्ध शिकाय दर्ज है। जिसकी जांच जारी है। सूत्रों ने बताया कि सभी साइबर आरोपियों ने एक टीम बना कर संगठित होकर धंधा कर रहे थे।

तकनीकी जांच में खुलासे : पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल और सिम कार्ड की जांच में यह सामने आया कि इन नंबरों पर प्रतिबिंब पोर्टल और जीएमएस पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हैं। इससे पुष्टि होती है कि आरोपी पूर्व में भी कई साइबर ठगी के मामलों में लिप्त रहे हैं। जो देश के सैकड़ों लोगों का अपना ठगी का शिकार बना चुके हैं। जिसकी जांच टेक्निकल टीम कर रही है। अपराधी फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी व सरकारी योजना के प्रतिनिधि बनकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे। छापेमारी का नेतृत्व पुलिस उप-महानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के दिशा-निर्देशन में किया गया। गिरफ्तार अपराधी अत्यधिक संगठित तरीके से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे। मुख्य शिकार ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे लोग थे जो तकनीकी रूप से जागरूक नहीं थे और जिन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फोन-पे, पेटीएम जैसी सेवाओं की जानकारी सीमित रूप से थी। अपराधियों की यह चालाकी लंबे समय तक पकड़ से बाहर रख रही थी, लेकिन पुलिस की गुप्त सूचना और योजनाबद्ध कार्रवाई से यह गिरोह पकड़ा गया।

पीएम किसान योजना का फर्जीवाड़ा : गिरोह सदस्य पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को फर्जी लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करने के बाद लाभुकों से उनका व्यक्तिगत व बैंक विवरण मांगा जाता था। जानकारी हासिल होते ही उनके खातों से पैसे गायब कर दिए जाते थे।

फोन-पे और पेटीएम कस्टमर केयर बनकर जाल बिछाना : ये लोग खुद को फोनपे या पेटीएम का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताकर उपभोक्ताओं को कॉल करते थे। उन्हें कैशबैक या गिफ्ट कार्ड का लालच देकर गुप्त कोड मंगाते थे और फिर उसका उपयोग कर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे।

एयरटेल पेमेंट बैंक फ्रॉड : कुछ आरोपी एयरटेल पेमेंट बैंक के फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करते थे और कहते थे कि उनका नंबर बंद होने वाला है। फिर उसे चालू कराने के नाम पर ओटीपी मंगाकर ठगी की जाती थी। छापेमारी टीम में साइबर थाना में कार्यरत पुलिस अधिकारी में एसआई हरदियुस टोप्पो, एएसआई प्रफुल्य कुमार मांझी एवं जैप-5 के दर्जनों जवान शामिल थे।

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