पालोजोरी : प्रावधन की अनदेखी, लाभुकों को सिर्फ 4 बकरियां
मुख्यमंत्री पशुधन वितरण योजना के तहत बांधडीह पंचायत में 15 लाभुकों को चार बकरियां और एक बकरा दिया जाना था, लेकिन विभाग ने केवल चार बकरियां वितरित कीं। ग्रामीणों ने बकरियों का वजन 5-6 किलो बताया, जो...
पालोजोरी प्रतिनिधि। मुख्यमंत्री पशुधन वितरण योजना में विभाग द्वारा प्रावधान की अनदेखी कर लाभुकों के बीच सिर्फ 4 बकरी का ही वितरण किया गया। योजना के तहत लाभुकों को 4 बकरियों के अलावे 1 बकरा भी दिया जाना है। ताजा मामला पालाजोरी प्रखंड के बांधडीह पंचायत का है। गुरुवार को मुख्यमंत्री पशुधन वितरण योजना के तहत चयनित 15 लाभुकों को चार बकरी व एक बकरा दिया जाना था, लेकिन तमाम प्रावधान की अनदेखी कर विभाग प्रति लाभुक सिर्फ चार बकरियों का ही वितरण किया गया। प्रावधान के अनुसार योजना के तहत जिस बकरी का वितरण किया जाना है उसका वजन 9 से 11 किलो के आसपास होना चाहिए, लेकिन बकरी को देखने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि बकरी का वजन महज 5-6 किलो के आसपास ही है। बकरी वितरण करने पहुंची एजेंसी नंदू कुमार द्वारा बकरी वितरण विभागीय अधिकारी सह भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बृजेश कुमार की देखरेख में किया गया। आश्चर्य यह है कि विभागीय पदाधिकारी की मौजूदगी के बावजूद एजेंसी द्वारा लाभुकों के बीच महज चार बकरियों का ही वितरण किया गया, जबकि बकरा वितरण नहीं किया गया।
ग्रामीणों में दिखा आक्रोश : मामले को लेकर वितरण स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि एजेंसी द्वारा एक बकरा दिया ही नहीं गया, ऊपर से जितनी भी बकरियां दी गई है, उसमें प्रत्येक बकरियों का वजन मात्र 5 से 6 किलो ही रही होगी।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी : टीवीओ डॉ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि योजना के तहत एजेंसी को विभाग द्वारा 24,286 दिया जाता है। उस एवज में एजेंसी द्वारा लाभुक को चार बकरियां व एक बकरा दिया जाना है। लेकिन लाभुकों को मात्र 4 बकरियां ही दी गयी। लाभुकों को कुल राशि में 25 फीसदी राशि का अंशदान करना पड़ता है। लाभुकों द्वारा उक्त राशि का अंशदान नहीं किया गया, जिस कारण एजेंसी द्वारा मात्र चार बकरियां दी गयी। अंशदान की राशि से लाभुक खुद से बकरा खरीद सकते हैं।
प्रमुख ने जतायी नाराजगी : मामले को लेकर प्रमुख उषा किरण मरांडी ने बताया कि एजेंसी व विभाग की मिलीभगत से लाभुकों के साथ गलत किया जा रहा है। एजेंसी को हर हाल में लाभुकों के बीच 4 बकरियों और एक बकरा का वितरण किया जाना चाहिए। एजेंसी द्वारा विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में ऐसा किया गया है जो घोर अनियमितता को दर्शाता है। कहा कि मामले को जिला परिषद व पंचायत समिति की बैठक में तो रखी ही जाएगी साथ ही उपायुक्त व जिला पशुपालन पदाधिकारी से भी पत्राचार किया जाएगा।
क्या है योजना का महत्व : विभाग द्वारा योजना को इस सोच के साथ शुरू की गई है कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं बकरी पालन कर आर्थिक स्थिति सबल बना सकें। इसके लिए बकरी के साथ बकरा दिया जाता है, ताकि बकरा व बकरी का पालन पोषण कर उससे होने वाले बच्चों से अतिरिक्त आमदनी कर सकें। लेकिन बांधडीह पंचायत के जिन 15 लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया है, उन्हें महज 4 बकरियां ही दी गयी है, बकरा नहीं दिया गया। योजना की उपयोगिता पर सवाल खड़ा हो गया है।
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