उत्सवी वातावरण में मना जीवितपुत्रिका पर्व
करौं प्रतिनिधि संतान की सुख-शांति, दीर्घायु, विघ्न .-बाधा से दूर करने व मंगलकामना के लिए जीवितपुत्रिका व्रत विभिन्न गांवों विधि-विधान व पारंपरिक अनुष
करौं। संतान की सुख-शांति, दीर्घायु, विघ्न-बाधा से दूर करने व मंगलकामना के लिए जीवितपुत्रिका व्रत विभिन्न गांवों विधि-विधान व पारंपरिक अनुष्ठान किया गया। उत्सवी वातावरण में महिलाओं ने निर्जला व्रत किया। धार्मिक व पौराणिक गांव करौं के राय टोला, बाऊरी टोला, मोदी टोला, आचार्य टोला, साव टोला, मंडल टोला, बढ़ी टोला, दास टोला, रजवार टोला, बनिया टोला और देदे टोला आदि टोलों के भगवान शिव, मां काली, मां दुर्गा, चण्डी मंदिर व मंदिरों में बरगद की डाली स्थापित कर पंडित रवि पुजारी, उत्तम मुखर्जी, अरूप झा, सुकुमार मिश्र, अजीत मिश्र ने सभी व्रती महिलाओं को संकल्प करते बारी-बारी से पूजा करायी। इस अवसर पर महिला व्रतियों की भीड उमड़ पड़ी। व्रती भारतीय परिधान व थाली में मूंग, चना, खीरा, नारियल, केला, धूप-धूमना, अगरबत्ती आदि सामग्री चढ़ाकर संतानों के लिए मंगलकामना की। पंडित अजीत मिश्र ने जितिया पुरब के पौराणिक कथाओं उल्लेख करते कहा कि कोई पूजा-पाठ शुद्ध व श्रद्धा के साथ किया जाय तो फल जरूर मिलता है। मौके पर सरोज पुजारी, देवज्योति पुजारी, अरूप ओझा, मन्टु ओझा व स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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