Hindi Newsझारखंड न्यूज़Delhi HC dismisses Madhu Koda plea seeking stay on conviction in coal scam

झारखंड के पूर्व CM मधु कोड़ा का विधानसभा चुनाव लड़ने का सपना टूटा, जानिए दिल्ली HC ने क्या कहा?

  • मधु कोड़ा ने अपनी याचिका में झारखंड राज्य का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उच्च न्यायालय से 13 दिसंबर, 2017 के दोषी ठहराए जाने के आदेश को निलंबित करने का अनुरोध किया था।

Sourabh Jain भाषाFri, 18 Oct 2024 03:57 PM
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दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने खुद को कोयला घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, ताकि वे राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें।

इस बारे में फैसला सुनाते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा, ‘आवेदन खारिज किया जाता है।’

इससे पहले इस मामले में 3 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब सीबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील आरएस चीमा और वकील तरन्नुम चीमा ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कोड़ा द्वारा दायर इसी तरह की याचिका मई 2020 में खारिज कर दी गई थी और उसी राहत का अनुरोध करने वाली उनकी नई याचिका विचार करने योग्य नहीं है।

मई 2020 में, उच्च न्यायालय ने कोड़ा की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जब तक उन्हें अंतिम रूप से बरी नहीं कर दिया जाता, तब तक उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति देना उचित नहीं होगा।

तब अदालत ने कहा था कि व्यापक राय यह है कि जिन पर अपराध के आरोप हैं, उन्हें सार्वजनिक पदों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि इसलिए, कोड़ा की सजा पर रोक लगाना और उन्हें उस अयोग्यता से उबरने की अनुमति देना उचित नहीं होगा।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल जेल की सजा सुनाए गए व्यक्ति को तुरंत सांसद, विधायक या राज्य विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। जेल से रिहा होने के बाद भी वह व्यक्ति छह साल तक अयोग्य रहता है।

निचली अदालत ने ठहराया था दोषी

इससे पहले एक निचली अदालत ने पूर्व सीएम मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को भ्रष्ट आचरण में शामिल रहने का दोषी पाया था।

अदालत ने इन सभी को राज्य की राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी VISUL (विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड) को आवंटित करने में आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार देते हुए 13 दिसंबर, 2017 को तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई थी।

अदालत ने लगाया था लाखों रुपए का जुर्माना

यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के दौरान हुए कोयला घोटाले से जुड़े इस मामले में अदालत ने VISUL, कोड़ा और गुप्ता पर क्रमश: 50 लाख, 25 लाख और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही एके बसु पर भी एक लाख रुपए का अर्थदंड लगाया था। अदालत ने अपील लंबित रहने के दौरान दोषियों को जमानत दी है।

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