झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर ठगी, पांच से पूछताछ; जल्द गैंग का खुलासा कर सकती है पुलिस
झारखंड में आईपीएस से लेकर दारोगा तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर मोटी रकम की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पता चला है। रांची पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
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झारखंड में आईपीएस से लेकर दारोगा तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर मोटी रकम की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पता चला है। रांची पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। हिरासत में लिए गए लोगों में मेन रोड अली रेसीडेंसी निवासी सज्जाद उर्फ मुन्ना, स्टेशन रोड के कैप्टन सिंह सलूजा, जमशेदपुर के आर्यन सरकार, हल्दी पोखर के चंदन लाल और कडरू निवासी सूर्य प्रभात शामिल हैं। पूछताछ करने के बाद साक्ष्य के आभाव में सभी को कोतवाली थाने से ही छोड़ दिया गया है।
रांची पुलिस की ओर से जारी विज्ञाप्ति में कहा गया है कि राज्य के वरीय अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और ठेका मैनेज करने का आश्वासन देकर ठगी का प्रयास किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने सज्जाद उर्फ मुन्ना और कैप्टन नाम के व्यक्ति को थाना बुलाकर पूछताछ की। जांच में पता चला कि गिरोह में दोनों के अलावा आर्यन, चंदन और सूर्य भी शामिल हैं। सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
पुलिस को पूछताछ के बाद जांच में पता चला कि राज्य के कई वरीय प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों के स्थानांतरण का आश्वासन हिरासत में लिए गए लोगों द्वारा दिया गया है। हालांकि, पुलिस पीड़ित लोगों की पहचान कर रही है। पहचान करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। बताया गया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर दर्जन भर से ज्यादा लोगों से पैसा वसूली की गई है।
इस तरह समझिए कैसे पुलिस को मामले का पता चला
1. रांची पुलिस को एक अफसर से ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर वसूली की गुप्त सूचना मिली थी।
2. सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम सूचना के सत्यापन में तुरंत जुट गई।
3. जांच में पता चला कि अधिकारी से सज्जाद नामक एक युवक की बातचीत हुई है।
4. पुलिस की टीम ने सज्जाद के बारे में पता लगाया और उसे कांटा टोली इलाके से पकड़ा।
5. सज्जाद को कोतवाली थाना ला गया, जहां टीम ने सज्जाद से पूछताछ शुरू की।
6. पूछताछ में सज्जाद ने जो सूचना दी, उस आधार पर टीम ने अन्य लोगों को पकड़कर थाने लाई।
जांच में पैसे के लेनदेन के नहीं मिले साक्ष्य
सज्जाद और अन्य लोगों से पूछताछ के कर्म में पुलिस की टीम को कई अहम जानकारियां मिलीं हैं। मगर, पैसे के लेनदेन का कोई साक्ष्य नहीं मिला। यहां तक कि पुलिस को पैसे देने वाले की भी जानकारी नहीं मिल सकी। इसके बाद पुलिस की टीम ने पकड़े गए पांचों लोगों को छोड़ दिया। हालांकि, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बताया गया कि काफी लोगों से पैसे की वसूली हुई है।