Notification Icon
Hindi Newsझारखंड न्यूज़चाईबासाProtest for Forest Land Rights in Saranda Former CM Madhu Koda Leads Demonstration

हेमंत के शासन में जंगल में रहने वालों को नहीं मिला वन पट्टा : मधु कोड़ा

नोवामुंडी में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में वनपट्टा दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। उन्होंने हेमंत सरकार पर वादे न निभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाTue, 3 Sep 2024 05:10 PM
share Share

नोवामुंडी, संवाददाता। घंटा बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व पूर्व सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में नोवामुंडी प्रखंड के सारंडा इलाके में बसे लोगों को वनपट्टा दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रखंड सह अंचल कार्यालय प्रांगण में धरना-प्रदर्शन कर हेमंत सरकार का विरोध जताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भाजपा प्रखंड कार्यालय से पदयात्रा कर की गई थी। पदयात्रा के दौरान शामिल भाजपा समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि सारंडा के वनगांवों में बसे लोगों ने वनपट्टा देने के लिये अंचल कार्यालय में जो आवेदन दिया था उनके दिए गये दावा संबंधित कोई रिकॉर्ड अंचल कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि झामुमो के गठबंधन सरकार में दलाल प्रथा हावी है। दलाल गिरोह वनपट्टा देने के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों से पैसे वसूली कर कागजात तो तैयार कर लेते हैं। परंतु उनका काम नहीं होता है। दलालों के चक्कर मे फंसने वाले में ग्रामीणों के साथ ग्रामीण मुंडा भी शामिल हैं। अबतक कई गांवों को वनग्राम तक का दर्जा नहीं मिला है। कहा कि हेमंत सरकार ने ग्रामीण मुंडाओं को बाइक देने का वादा किया था। कुछेक मुंडाओं को बाइक देने के बाद बाकी को वंचित किया गया। 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले जीत दर्ज करने पर महिलाओं को प्रत्येक महीने दो हजार रुपये करके पांच सालों तक पैसे देने का वादा किया था, जो कोरा चुनावी एजेंडा साबित हुआ। इस तरह से ग्रेजुएट छात्रों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा भी की थी। इनके सभी वादे अधूरे हैं। झामुमो सरकार वनग्रामों को 2019 के दशक में जमीन देने का वादा भी विफल साबित हो रहा है।

पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा वन पट्टा अधिकार की मांग आदिवासियों के अस्तित्व और उनकी जमीन से जुड़ी है। हेमंत सोरेन ने चुनावी लाभ के लिए यह वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। हम इस सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ खड़े हैं और आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे। अगर अभी भी हेमंत सरकार ग्रामीणों को वन पट्टा नहीं देती है तो सिंहभूम की जनता जिला उपायुक्त कार्यालय कूच करेंगे। कहा कि गरीबों का खून चूसने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। शहीदों के नाम पर झामुमो राजनीति करते आ रही है,जबकि शहीद परिवारों को आज तक कोई सुविधा नहीं मिला है। कार्यक्रम में बिपीन पुरती, शम्भू हाजरा, मधुसूदन तुबिद, चन्द्रमोहन गोप, डेले मुण्डा, बाबूलाल मांझी, रामनाथ मुखी, पहाड़ सिंह लागुरी, शत्रुघन लागुरी, सुखराम कोड़ा, डेलू मुण्डा, सुकराम कोड़ा, मंगल होनहागा, शारदा जोजो, प्रफुल्ल महाकुड, आसना बिरुवा, विक्रम तिरिया, विनीत गोप, मोहन पुरती, सुबीर पान, राणा बोस, लालमोहन दास, झुनु घोष, बसन्ती बेहरा, बेबी मित्रा समेत काफी संख्या में वन पट्टा आवेदन देने वाले ग्रामीण व मुन्डा उपस्थित थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें