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झारखंड में CBI ने छापेमारी के 13 दिन बाद खोला लॉकर, अंदर रखा था खूब सोना-चांदी और कैश

  • लॉकर से एक सोने का कंगन, एक सोने की चेन, 12 सोने के सिक्के, चूड़ियां, अंगूठियां और अन्य सोने, चांदी और हीरे के आभूषण बरामद किए गए। मूल्यांकनकर्ताओं ने बरामद आभूषणों की कुल कीमत 39,12,194 रुपये आंकी।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रांची, हिन्दुस्तानTue, 19 Nov 2024 06:59 AM
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झारखंड के साहिबगंज में अवैध खनन व परिवहन से जुड़े केस में सीबीआई ने संदिग्ध भगवान भगत के लॉकर से 42,68,144 रुपये के जेवरात व नकदी राशि बरामद की है। पांच नवंबर को सीबीआई ने भगवान भगत समेत कई पत्थर कारोबारियों के यहां छापेमारी की थी। तब भगवान भगत के लॉकर की चाबी को भी जब्त किया गया था। सोमवार को लॉकर स्वतंत्र गवाहों और प्रमाणित मूल्यांकनकर्ता की उपस्थिति में खोला गया था। ऐसे में लॉकर छापेमारी के 13 दिन बाद खोला गया।

लॉकर से निकला 39 लाख का आभूषण

लॉकर से एक सोने का कंगन, एक सोने की चेन, 12 सोने के सिक्के, चूड़ियां, अंगूठियां और अन्य सोने, चांदी और हीरे के आभूषण बरामद किए गए। मूल्यांकनकर्ताओं ने बरामद आभूषणों की कुल कीमत 39,12,194 रुपये आंकी। इसके अतिरिक्त 3,55,950 रुपये की नकदी भी बरामद की गई।

पहले भी हो चुकी है सोने की जब्ती

सीबीआई ने प्रेस बयान जारी कर बताया है कि यह बरामदगी भगवान भगत के परिसर से एक किलो सोने की ईंट और सोने के कंगन की पांच नवंबर की जब्ती के अतिरिक्त है। बता दें कि सीबीआई ने झारखंड, बंगाल और बिहार में पांच नवंबर को 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी प्रेम प्रकाश के अलावा उसके सीए जे जयपुरियार, साहिबगंज के पूर्व डीएमओ विभूति प्रसाद, कोलकाता में सीटीएस कंपनी के संजय जायसवाल, साहिबगंज में पत्थर कारोबार से जुड़े रवींद्र वर्मा, भगवान भगत, टिंकल भगत, पतरू सिंह, प्रकाश यादव समेत दर्जनों कारोबारियों के यहां हुई थी। सीबीआई की टीम ने रांची में तीन, गुमला में एक व साहिबगंज में 13, कोलकाता में दो व बिहार में एक ठिकानें पर छापेमारी की।

सीबीआई ने बीते वर्ष 20 नवंबर 2023 को दर्ज किया था मामला

सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय के 18 अगस्त 2023 के आदेश के आधार पर 20 नवंबर 2023 को मामला दर्ज किया था। मामले की जांच से पता चला कि साहिबगंज जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियों के फलस्वरूप सरकार को मुख्य रूप से रॉयल्टी का भुगतान न किए जाने एवं खनन कानूनों के उल्लंघन के कारण काफी नुकसान हुआ। सीबीआई ने जांच में खुलासा किया था कि फील्ड अन्वेषण से पता चलता है कि प्रमुख व्यक्ति एवं संस्थाएं कथित तौर पर इस ऑपरेशन में संलिप्त थी, उन्होंने अपनी गतिविधियों को छिपाने व अवैध रूप से प्राप्त संसाधनों/धन को डायवर्ट करने के कई तरीके अपनाए। प्रारंभिक जांच में ऐसे साक्ष्य एकत्र किए गए, जिनसे पता चला कि अवैध खनन गतिविधि को अंजाम देने एवं इस प्रकार प्राप्त आय को छिपाने के लिए प्रमुख व्यक्तियों और फर्मों की संलिप्तता व सांठगांठ थी।

छापेमारी में सीबीआई ने क्या-क्या किए थे बरामद

पांच नवंबर को छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम ने रवींद्र वर्मा के यहां से 47 लाख रुपये समेत अन्य जगहों को मिलाकर कुल 60 लाख रुपये बरामद किए थे। वहीं पत्थर कारोबारी भगवान भगत के यहां से एक किलोग्राम सोना, 1.2 किलोग्राम चांदी व 9 एमएम के 61 जिंदा कारतूस, मोबाइल बरामद किए गए थे। संपत्तियों से संबंधित बिक्री से जुड़े सेल डीड, निवेश एवं शेल कंपनियों से संबंधित दस्तावेज, समझौता पत्र और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे।

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