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बोले बोकारो: वेज रिवीजन न एरियर भुगतान, संगठित-असंगठित मजदूर परेशान

भारतीय मजदूर संघ बोकारो में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहा है। ठेका मजदूरों के साथ शोषण, वेज रिवीजन का न होना, और चिकित्सा सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं गंभीर हैं। प्रबंधन की...

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोSun, 9 March 2025 02:42 AM
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बोले बोकारो: वेज रिवीजन न एरियर भुगतान, संगठित-असंगठित मजदूर परेशान

भारतीय मजदूर संघ के सदस्य बोकारो में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय से परेशान है। संघ के अनुसार बोकारो के मजदूरों के साथ अन्याय की प्रकाष्ठा पर हो रही है। प्रबंधन मुकदर्शक बना बैठा है। बीएसएल कर्मियों का वेज रिवीजन नहीं हो रहा है। एरियर बकाया है। पदनाम की भी समस्या है। ठेका मजदूरों के साथ लगातार शोषण हो रहा है। बीजीएच का चिकित्सा व्यवस्था धाराशायी हो चला है। स्कूल बंद पड़े है। क्वार्टरों पर अवैध कब्जाधारी का बोलबाला है। स्थाई प्रवृति के काम को भी ठेका मजदूरों से कराया जा रहा है। न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल रहा है। ऊपर से स्वास्थ्य जांच के नाम पर काम से बैठाने का नय तरीका इजाद कर, मजदूरों को परेशान किया जा रहा है। ठेकेदारों की मनमानी मजदूरों में रोष बढ़ा रहा है। समय रहते इन मजदूरों के हित में फैसला लेना होगा, अन्यथा एक समय आयेगा जब मजदूरों के आक्रोश फूट कर निकलेगा।

भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों का वेज रीविजन लंबे समय से लंबित है। इसके साथ हीं उनका एरियर भुगतान का मामला भी पेंच में उलझा कर रखा गया है। इन सब के कारण बीएसएल कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है। पीड़ित कर्मचारियों के मांगों को अनसुना किया जा रहा है। वहीं, अधिकारी की सुविधाओं में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इंसेंटिव रिवार्ड में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। इसके बावजूद भी हर कर्मचारी अपना सौ फिसदी योगदान दे रहे है। कर्मचारियों की भरी कमी के बाद भी प्लांट के प्रोडक्शन में कोई कमी नहीं आयी है, बल्कि प्रोडक्शन और बढ़ा है। इतना ही नहीं आज बीएसएल कर्मचारियों के लिए न तो बेहतर चिकित्सा सुविधा है और न हीं आवास की स्थिति बेहतर है। बीएसएल प्रबंधन को अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर माहौल तैयार कर देना चाहिए।

कम नहीं हो रहा ठेका मजदूरों का शोषण: संघ सदस्यों ने कहा कि ठेका मजदूरों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। एक तो उनको वेतनमान देकर ठेकेदार उस पर भी हकमारी करता है। वहीं, दूसरी ओर ठेका मजदूरों के लिए बीएसएल प्लांट के बीजीएच में चिकित्सा सुविधा मिलने का मार्ग आज तक नहीं खोल गया है। स्वास्थ जांच के नाम पर ठेका मजदूरों को काम से बैठा दिया जाता है। इससे ठेका मजदूर दोहरी मार झेलने को विवश है। बीएसएल के कई क्वार्टरों पर अवैध कब्जा है। ऐसे क्वार्टरों को खाली करा कर ठेका कंपनी के माध्यम से मजदूरों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इससे ठेका मजदूरों को रहने के लिए आवास मिल जायेगा। वहीं, मजदूरों के साथ जहां-जहां भी शोषण हो रहा है, उस पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। मजदूर यूनियन अपने स्तर से हर आवाज उठाती रही है। इसके साथ प्रबंधन का सहयोग मिले तो मजदूरों के शोषण को कम किया जा सकता है।

चिकित्सा व्यवस्था का बुरा हाल: बोकारो का बीजीएच अस्पताल जिला का सबसे बड़ा अस्पताल है। लेकिन, यहां कि जो व्यवस्था है, वो किसी से छुपी नहीं है। यहां सब कुछ कांट्रेक्टचुव्ल बेसिस पर संचालित है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। तकनीशियन के अभाव में बीएसएल कर्मचारी कई बार जांच से वंचित रह जाते है या उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल की व्यवस्था का हाल सभी जानते है। बोकारो के लोगों की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है। ठेका मजदूरों को और भी बुरा हाल है। आखिर यहां के मजदूर जो इतने शोषण के शिकार है, तबियत खराब हो जाए, तो कहां इलाज करायेंगे। न तो राज्य सरकार कुछ कर रही है और न हीं बीएसएल द्वारा कोई बेहतर इंतजाम किया जा रहा है।

सुझाव

1. समय पर बीएसएल के कर्मचारियों वेज रीविजन हो। ताकि महारत्न कंपनी के प्रति लोगों का सोच भी बदले

2. कर्मचारियों को एरियर भुगतान किया जाए। लगातार घोषणा के बाद अबतक नहीं बहाल हो पाया एरियर

3. बोकारो जेनरल अस्पताल व सदर अस्पताल में बेहतर चिकित्स व्यवस्था बहाल किया जाना चाहिए

4. क्वार्टर का समय-समय पर मेंटेनेंश होना चाहिए। जिससे मजदूर भी आवास में सुरक्षित रह सके

5. लेबर डिपार्टमेंट, इएसआई व पीएफ इंस्पेक्टर मजदूर हित में सक्रिय हो।

शिकायतें

1. बीएसएल कर्मचारियों को वेज रीविजन समय पर नहीं हो रहा है। मामले पर प्रबंधन मौन है

2. एरियर भुगतान पर भी पेंच फंसा होने के कारण कर्मचारियों में निराशा का माहौल बन रहा है

3. कर्मचारियों व मजदूरों के लिए बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की कमी के कारण कई परेशानी है

4. बीएसएल के क्वार्टर की जर्जर स्थिति में रहने से मजदूरों की स्थिति हो रही है खराब

5. मजदूरों की आवाज को सुनने के लिए बहाल अधिकारी के मौन रहने से परेशानी नहीं हो रही कम

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