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Hindi Newsझारखंड न्यूज़बोकारोJivitputrika Vrat 2024 Celebrations and Rituals for Sons Wellbeing

पुत्र की लंबी आयु को लेकर माताएं 25 को करेंगी जिउतिया व्रत

बोकारो में जीवित्पुत्रिका व्रत 24 सितंबर से 26 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस व्रत का उद्देश्य पुत्र की लंबी आयु और सुख-आरोग्य के लिए उपवास करना है। माताएं 24 घंटे निर्जल रहकर व्रत करती हैं, जिसमें राजा...

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोThu, 19 Sep 2024 06:53 PM
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बोकारो, प्रतिनिधि। जीवित्पुत्रिका व्रत का उपवास प्रत्येक वर्ष अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की उदय व्यापीनि अष्टमी तिथि को किया जाता है l पुत्र की लंबी आयु, सुखी और आरोग्य जीवन के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत वे सभी सौभाग्यवती माताएं करती है जिनके पुत्र हैं l चास बोकारो में 25 सितंबर को जिउतिया व्रत मनाया जाएगा। साथ ही जिन्हें पुत्र की इक्षा है वे माताएं भी यह व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए करती हैं l पुत्रवती माताएं इस व्रत को 24 घंटे से अधिक समय निर्जल उपवास रहकर करती हैं l जितिया तीन दिनों तक चलता है l व्रत का पर्व अश्विन कृष्णा पक्ष की सप्तमी तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है l यह जानकारी देते हुए पंडित मार्केण्डेय दूबे ने बताया जीवित्पुत्रिका व्रत का पर्व 24 सितंबर मंगलवार से लेकर 26 सितंबर गुरुवार तक चलेगा l

नहाय-खाय के साथ मंगलवार को जिउतिया व्रत होगा शुरू : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत और कठिन तपस्या माताएं अपनी संतान के लिए निराहार और निर्जल रहकर करती हैं l इस वर्ष जीवत्पुत्रिका व्रत नहाय-खाय के साथ मंगलवार को जिउतिया व्रत शुरू होगा। बुधवार को पूरे दिन रात निर्जल उपवास रखा जाएगा l गुरुवार को व्रत का पारण कर इस पर्व का समापन होगा l जिउतिया व्रत को लेकर राजा जीमूतवाहन की कथा भी प्रचालित है l जिसमें राजा जीमूतवाहन ने अपना शरीर पक्षी राज गरुड़ को समर्पित कर बालकों की जीवन रक्षा की थी l

जीवित्पुत्रिका व्रत 2024 का शुभ समय और मुहूर्त : जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार अश्विन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि का आरंभ 24 सितंबर मंगलवार को सायं 5 बजकर 57 मिनट से हो रहा है l बुधवार को पूरे दिन रात माताएं निर्जल उपवास पर रहेंगी। इस वर्ष 26 सितंबर गुरुवार को जितिया व्रत का पारण होगा l व्रत की पारणा 26 सितंबर गुरुवार को सूर्योदय के बाद कभी भी किया जा सकता है l गुरुवार 26 सितंबर को सुबह में स्नान करने के बाद घर के देवी देवताओं का पूजन करें और सूर्योदय के कुछ समय बाद व्रत का पारण करें l

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