झारखंड के कोल्हान में दबदबे वाली 7 सीटों पर भाजपा हुई बेहद आक्रामक, इस बार जीत की क्यों उम्मीद
- भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों को इस बार लगता है कि यदि कोल्हान पर पूरा ध्यान फोकस किया जाए तो वैसी सीटें जरूर जीती जा सकती हैं, जहां जीत-हार का अंतर पिछले चुनाव में कम था।
कोल्हान में अपने दबदबे वाली सात सीटों पर भाजपा बेहद आक्रामक हो गई है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखने पर पता चलता है कि कोल्हान में जहां पिछली बार पार्टी सभी 14 विधानसभा सीटें हार गई थी, वहां इस बार बाजी पलटने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। 14 में से कम से कम 7 सीटें ऐसी हैं, जहां के परिणाम बहुत कुछ राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। पिछले चुनाव में जहां आजसू-झाविमो के अलग रहने से वोटों का बिखराव हार का कारण बना था, इस बार झाविमो के विलय और आजसू के एनडीए में होने से भाजपा में जीत की उम्मीद बढ़ी है।
2019 में 12 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी भाजपा
चुनावी आंकड़ों के अनुसार, 2019 में आजसू, झाविमो और तत्कालीन सरकार के खिलाफ माहौल ने कोल्हान में भाजपा को शून्य पर लाकर खड़ा कर दिया था। लेकिन यह भी सच्चाई है कि कोल्हान की 14 में से 12 सीटों पर भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। एक सीट पर आजसू और एक सीट पर झाविमो उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे।
इस बार जीत की क्यों उम्मीद
भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों को इस बार लगता है कि यदि कोल्हान पर पूरा ध्यान फोकस किया जाए तो वैसी सीटें जरूर जीती जा सकती हैं, जहां जीत-हार का अंतर पिछले चुनाव में कम था। वोटों का बिखराव आजसू-झाविमो के चलते अधिक हुआ था।
2019 में किन 7 सीटों पर हुआ था वोटों का बिखराव
सरायकेला
झामुमो उम्मीदवार के रूप में 2019 में चंपाई सोरेन ने 1,11,554 मत लाकर भाजपा उम्मीदवार गणेश महली को 15,667 मतों से हराया था। वहीं आजसू उम्मीदवार अनंत राम टुड्डू को 9956 मत मिले थे। इस बार झामुमो के कद्दावर नेता रहे चंपाई सोरेन भाजपा प्रत्याशी के तौर पर खड़े हैं।
जमशेदपुर पूर्वी
मुख्यमंत्री रघुवर दास को आपसी तकरार के कारण उनके ही मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे सरयू राय ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 73,945 वोट पाकर 15,833 मतों से हराया था। तब झाविमो उम्मीदवार अभय सिंह को 11,772 मत मिले थे। इस बार सरयू भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू में हैं।
जुगसलाई
आजसू उम्मीदवार की वजह से त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। तब 88,581 वोट पाकर झामुमो के मंगल कालिंदी ने भाजपा के उम्मीदवार मुचिराम को 21,934 वोट से हराया था। यहां भाजपा को 66,647 वोट मिले थे। वहीं आजसू उम्मीदवार रामचंद्र सहिस को 46779 वोट मिले थे।
जगन्नाथपुर
कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकू ने झाविमो के मंगल सिंह बोबोंगा को हराया था। सिंकू को 32,499 वोट मिले थे, जबकि बोबोंगा को 20,893 वोट आए थे। भाजपा उम्मीदवार सुधीर कुमार सुधि 16,450 वोट लाकर तीसरे और आजसू प्रत्याशी मंगल सिंह सुरीन 14,223 वोट पाकर चौथे स्थान पर थे।
चक्रधरपुर
भाजपा प्रत्याशी के रूप में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को 31,598 वोट मिले थे और झामुमो प्रत्याशी सुखराम उरांव से12,234 मतों से हार गए थे। वहीं झाविमो उम्मीदवार शशिभूषण सामड को 17,487 वोट और आजसू उम्मीदवार रामलाल मुंडा को 17232 मत मिले थे।
ईचागढ़
झामुमो की सविता महतो सिर्फ 2941 वोट पाकर जीत गई थीं, तब आजसू के अलग चुनाव लड़ने से वोटों का जबरदस्त बिखराव हुआ था। सविता महतो को 57,546 मत मिले थे। आजसू उम्मीदवार हरेलाल महतो 38,836 मत से सेकेंड, भाजपा उम्मीदवार साधुचरण महतो 38,485 मत पाकर थर्ड रहे थे।
मनोहरपुर
झामुमो की जोबा मांझी कई बार यहां से विधायक रही हैं। जोबा 50,945 वोट लाकर 16,019 मतों से जीत गई थीं। वहीं भाजपा उम्मीदवार को 34,936 वोट मिले थे। तब आजसू उम्मीदवार के रूप में बिरसा मुंडा ने 13,468 वोट पाए थे, वहीं जेवीएम की उम्मीदवार सुशीला टोप्पो को 3557 मत मिले थे।