सीजीएल में शॉर्टलिस्ट 96 फीसदी अभ्यर्थी झारखंड के; JSSC का दावा
- जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों और विभिन्न छात्र संगठनों के आरोपों को निराधार बताया है। आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिर्फ अफवाह फैलाए जा रहे हैं।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने सीजीएल परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों और विभिन्न छात्र संगठनों के आरोपों को निराधार बताया है। आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिर्फ अफवाह फैलाए जा रहे हैं। परीक्षा में जिन 2231 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें से 2145 यानी 96 फीसदी झारखंड के हैं।
आयोग ने कहा, प्रमाणपत्र जांच की सूची आरक्षण नियमावली और मेधा सूची के तहत जारी की गई है। इसमें एसटी के लगभग 30 फीसदी, एससी के लगभग 12 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा के 22 फीसदी और पिछड़ा वर्ग के लगभग 19 फीसदी अभ्यर्थी हैं। प्रमाणपत्रों के लिए शॉर्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थी अंतिम रूप से चयनित नहीं हैं।
कट ऑफ मार्क्स अंतिम परीक्षाफल प्रकाशन के बाद प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगाए गये और जो सबूत पेश किये गए वे सही नहीं थे। न प्रश्नपत्र लीक की बात सही है और न ही परीक्षा केंद्र में किसी पुलिसकर्मी द्वारा मदद की बात। सीडी भी ब्लैंक था। मूल मोबाइल और वीडियो भी नहीं दिया गया है। परीक्षा कदाचारमुक्त और शांतिपूर्ण हुई है। सीजीएल परीक्षा संबंधित जांच की रिपोर्ट राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पूर्व में ही भेजी जा चुकी है।
परीक्षा केंद्रों में नहीं पाई गई विसंगतियां
सचिव सुधीर गुप्ता ने बताया कि 16 से 20 दिसंबर तक 2231 अभ्यर्थियों को कॉमन मेरिट लिस्ट से शॉर्टलिस्ट करते हुए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट की जांच व अंतिम उत्तरकुंजी के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इस दौरान विषय कोड में त्रुटियों का निराकरणकरते हुए ओएमआर शीट का मूल्यांकन किया गया। इसके बाद केंद्र वार -जिलावार परिणाम का विश्लेषण किया गया। किसी भी परीक्षा केंद्र में विसंगति नहीं पाई गई। परीक्षा का परिणाम केंद्रवार सामान्य पाया गया।
आयोग के कर्मियों को दी गई जान से मारने की धमकी
आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि सीजीएस प्रकरण में आयोग के अधिकारियों व कर्मियों को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी ईमेल से दी गई है। धमकी के साथ अमर्यादित शब्द भी कहे गए हैं। इस संबंध में प्रशासन को सूचना दे दी गई है। थाने में भी मामला दर्ज करा दिया गया है।