Hindi Newsझारखंड न्यूज़72 year old man raped many minor girls in jharkhand took them home from girl shelter house

नया कपड़ा दूंगा; लालच देकर बच्चियों से हवस मिटाता था 72 साल का दरिंदा, कई को बनाया शिकार

  • झारखंड के पलामू के बालिका गृह की नाबालिग बच्चियों से यौन-शोषण मामले में दंग कर देने वाला खुलासा हुआ है। 72 साल का मुख्य आरोपी बालिका गृह से लड़कियों को अपने घर ले जाया करता था।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, मेदिनीनगर, हिन्दुस्तानWed, 4 Dec 2024 07:29 AM
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झारखंड के पलामू के बालिका गृह की नाबालिग बच्चियों से यौन-शोषण मामले में दंग कर देने वाला खुलासा हुआ है। 72 साल का मुख्य आरोपी बालिका गृह से लड़कियों को अपने घर ले जाया करता था। वह उन्हें अच्छा खाना और कपड़ों का लालच देता था। मुख्य आरोपी की पहचान राम प्रसाद गुप्ता के रूप में हुई है।

बच्चियों को ले जाता था घर

इस मामले में एसडीएम के नेतृत्व वाली जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू हो गई है। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि है 72 साल का मुख्य आरोपी राम प्रसाद गुप्ता मेदिनीनगर सिटी के सुदना पश्चिमी क्षेत्र के बैंक कॉलोनी मोहल्ला स्थित अपने घर में बाल गृह की बच्चियों को ले जाता था। चूंकि राम प्रसाद गुप्ता की पत्नी पैराडाइज होकर बेड पर रहती हैं, इस कारण उन्हें विशेष देखरेख की जरूरत होती है।

कई बच्चियों को बनाया हवस का शिकार

जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि रामप्रसाद गुप्ता अपनी बीमार पत्नी की सेवा बालिका-गृह की बच्चियों से कराता था। साथ ही इस क्रम में वह अपने घर पर नाबालिग बच्चियों को बेहतर खाना और कपड़ा देने का लालच देकर उनका यौन शोषण करता था। बालिका-गृह से घर भेजने के लिए भी रामप्रकाश गुप्ता बच्चियों को खुश करने का प्रस्ताव देता था। अब तक कितनी बच्चियां यौन शोषण का शिकार बनी है, यह जांच का विषय है।

मेदिनीनगर सदर के एसडीपीओ ने मंगलवार को घटनास्थल की फिर से गहन जांच की। दूसरी तरफ शिकायत करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता संध्या सिन्हा मंगलवार को पुन: एसडीएम सुलोचना मीणा से मिलीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। संध्या सिन्हा ने बताया कि बच्चियों के सहायतार्थ वे अपनी टीम के साथ बालिका गृह जातीं थीं। पहले पीड़ित बच्चियां खुलकर कुछ नहीं बताती थीं, परंतु गत सप्ताह जब पीड़ितों को विश्वास में लेकर पूछताछ की गई तब यौन शोषण का मामले सामने आया।

जांच में यह बात आई है कि जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी और जिला संस्थागत देखरेख पदाधिकारी को बालिका गृह की बच्चियों का यौन-शोषण की जानकारी थी। परंतु दोनों ने इस बात की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी। इसी को आधार बनाकर दोनों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन ने शो-कॉज किया है और दो दिनों के अंदर जवाब-तलब किया है। संविदा पर कार्यरत दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का निर्णय उपायुक्त शशि रंजन ने लिया है। जांच रिपोर्ट में सीडब्लूसी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। सीडब्लूसी बालिका गृह की देखरेख करने की जगह, एनजीओ विकास इंटरनेशनल के साथ मिलकर काम कर रही थी।

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