12 हजार करोड़ की खरीद डाली संपत्ति, रांची में प्रॉपर्टी पर 80 प्रतिशत निवेश; क्या है वजह
खरीद में लोगों ने 16,018 करोड़ रुपए निवेश किया है। यह सरकारी दर में निवेश है। जबकि, हकीकत में इसका बाजार मूल्य 35000 करोड़ रुपए से अधिक आंका जा रहा है। इसमें से 80 प्रतिशत रांची में निवेश हुआ है।

पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य भर के करीब 1,48,325 लोगों ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जमीन, मकान और फ्लैट की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है। इस खरीद में लोगों ने 16,018 करोड़ रुपए निवेश किया है। यह सरकारी दर में निवेश है। जबकि, हकीकत में इसका बाजार मूल्य 35000 करोड़ रुपए से अधिक आंका जा रहा है। इससे राज्य सरकार को 1123.29 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें से करीब 15 फीसदी लोगों ने फ्लैट में निवेश किया है।
राजधानी रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों की बात करें तो बीते वित्तीय वर्ष में 12,293 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश संपत्ति खरीदारी में किया गया है। यह निवेश 29435 लोगों ने किया है। सिर्फ रांची जिले से राज्य सरकार को 396 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। रांची शहरी क्षेत्र में बीते वित्तीय वर्ष में करीब 3300 लोग फ्लैट के स्वामी बने। इसमें करीब 2500 लोग अपने नए फ्लैट में गृह प्रवेश कर शिफ्ट भी किए। जबकि, करीब 26135 लोगों ने जमीन की खरीदारी में अधिक रुचि दिखाई है। जमीन की खरीदारी में अधिक रुचि दिखाने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि आनेवाले समय में उसकी कीमत और बढ़ेगी। वर्तमान समय में जमीन ही सबसे अधिक रिटर्न दे रहा है। बता दें कि राज्य सरकार ने बीते वित्तीय वर्ष से ही राजस्व संग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें रांची जिला लक्ष्य के करीब 78 फीसदी प्राप्त करने में सफल रहा है।
दूसरे राज्य के लोग आगे
आर्किटेक्ट सुजीत भगत ने बताया कि रांची में चार-पांच तरह के प्रमुख लोग निवेश कर रहे हैं। पहले स्थान पर हैं दूसरे राज्यों के लोग। इसके बाद राजधानी के आसपास के इलाकों के रहने वाले, जो बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए आवास बना रहे हैं। इसके बाद बिल्डर और बैंकर्स हैं।
आरडीबीए महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि जमीन जैसी संपत्ति खरीदने के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, जो बहुत अच्छा संकेत है। इससे राज्य सरकार को राजस्व मिल रहा है। जमीन की कीमत साल दर साल बढ़ रही है। सरकार हर दो साल में 10% की बढ़ोतरी करती है। जबकि, बाजार मूल्य समय-समय पर बढ़ता है।