पुंछ हमला: घेराबंदी और तलाश अभियान दूसरे दिन भी जारी, शीर्ष अधिकारियों ने जायजा लिया
आतंकवादी हमले के बाद भीम्बर गली-पुंछ रोड पर यातायात रोक दिया गया और लोगों को मेंढर के जरिए पुंछ जाने की सलाह दी गयी है। शीर्ष अधिकारियों ने पिछले दो दिन में घटनास्थल का दौरा किया है।
जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में एक हमले में सेना के पांच जवानों के शहीद होने के बाद आतंकवादियों को पकड़ने के लिए चलाया गया घेराबंदी और तलाश अभियान शनिवार को दूसरे दिन में जारी है और इसमें ड्रोन एवं खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक एस एल थाउसेन और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह समेत राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि 14 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया जिनमें से कुछ को छोड़ दिया गया।
पुंछ में बृहस्पतिवार को एक आतंकवादी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए थे तथा एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था। सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सेना का ट्रक बृहस्पतिवार शाम को इफ्तार के लिए अग्रिम सीमा पर स्थित एक गांव में फल और अन्य सामान लेकर जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को इस इफ्तार का आयोजन करना था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए भाटा डोरिया-तोता गली के बड़े इलाकों तथा आसपास के इलाकों में घेराबंदी और तलाश अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में कई सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं।'' उन्होंने बताया कि पूरे इलाके को घेर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन और खोजी कुत्तों को भी काम में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान में शामिल जवान अत्यधिक सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि हो सकता है कि आतंकवादियों ने घने वन्य क्षेत्र में आईईडी लगाया हो।
आतंकवादी हमले के बाद भीम्बर गली-पुंछ रोड पर यातायात रोक दिया गया और लोगों को मेंढर के जरिए पुंछ जाने की सलाह दी गयी है। एनएसजी और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों समेत शीर्ष अधिकारियों ने पिछले दो दिन में घटनास्थल का दौरा किया है। आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की गयी स्टील-कोर गोलियां भी बरामद की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि हमले की चपेट में आया ट्रक शाम सात बजे राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा आयोजित की जाने वाली इफ्तार के लिए भीम्बर गली शिविर से फल, सब्जियां और अन्य सामान लेकर संगियोते गांव जा रहा था। हमले में शहीद जवान राष्ट्रीय राइफल्स के थे जो आतंकवाद रोधी अभियान के लिए तैनात थे। सूत्रों ने बताया कि संदेह है कि तीन से चार आतंकवादियों के एक समूह ने इस हमले को अंजाम दिया और उन्होंने किसी विस्फोटक, 'स्टीकी' बम या ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जिससे वाहन में आग लग गई।
उन्होंने कहा कि समझा जाता है कि हमले को अंजाम देने वाले एक साल से अधिक समय से राजौरी और पुंछ में मौजूद थे और उन्हें इस दुर्गम इलाके का पर्याप्त ज्ञान था। उन्होंने बताया कि यह इलाका जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) का गढ़ है और इसका 'कमांडर' रफीक अहमद उर्फ रफीक नाई इसी इलाके का रहने वाला है। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल राजौरी और पुंछ क्षेत्र में तीन से चार आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। सेना ने बताया कि ग्रेनेड का इस्तेमाल किए जाने के कारण ट्रक में आग लगने की आशंका है। सेना को ट्रक और एक जवान के शरीर पर गोली लगने के निशान मिले हैं।
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