केंद्र से लड़कर कुछ हासिल नहीं होगा... उमर अब्दुल्ला ने बताया मंत्रिमंडल की पहली बैठक में क्या करेंगे
- जम्मू-कश्मीर के संभावित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बृहस्पतिवार को विधायक दल की एक बैठक बुलाएगी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के संभावित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए जिम्मेदार भाजपा से इसकी बहाली की मांग करना "बेवकूफी" है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे उनकी पार्टी को इस मुद्दे को जीवित रखने और अपने प्रयासों को जारी रखने से नहीं रोका जा सकेगा। अब्दुल्ला की यह टिप्पणी 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद आई है, जिसमें एनसी-कांग्रेस गठबंधन विजयी हुआ था। इसके अलावा, उन्होंने ये भी बताया कि उनकी सरकार अपनी पहली ही मंत्रिमंडल की बैठक में क्या करेगी।
उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि नेकां-कांग्रेस सरकार अपनी पहली ही मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित करेगी। अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सरकार गठन के बाद पहली बैठक में मंत्रिमंडल, राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के वास्ते एक प्रस्ताव पारित करेगा। इसके बाद सरकार इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के पास भेजेगी।’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि दिल्ली के विपरीत जम्मू-कश्मीर में सरकार सुचारू रूप से काम कर पाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे और दिल्ली के बीच एक फर्क है। दिल्ली कभी एक राज्य नहीं रहा। किसी ने दिल्ली को राज्य का दर्जा देने का वादा नहीं किया। जम्मू-कश्मीर 2019 से पहले राज्य था। हमसे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया, जिन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे - परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘परिसीमन हो गया, अब चुनाव भी हो गए हैं। इसलिए केवल राज्य का दर्जा देना बाकी है जिसे जल्द ही बहाल किया जाना चाहिए।’’ यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर सरकार तथा केंद्र के बीच समन्वय कितना जरूरी है, इस पर उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली से टकराव लेकर कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।
नेकां नेता ने कहा, ‘‘पहले सरकार बनने दीजिए। यह सवाल मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए। नयी दिल्ली के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध होने चाहिए। मेरी उन्हें (मुख्यमंत्री) सलाह होगी कि हम केंद्र के साथ लड़कर किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं कर सकते।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम भाजपा की राजनीति स्वीकार करेंगे या भाजपा हमारी राजनीति स्वीकार करेगी। हम भाजपा का विरोध करते रहेंगे लेकिन केंद्र का विरोध करना हमारी मजबूरी नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र के साथ अच्छे रिश्ते रखना जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के लिए फायदेमंद होगा। लोगों ने टकराव के लिए वोट नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इसलिए वोट दिया है क्योंकि वे रोजगार चाहते हैं, वे विकास चाहते हैं, वे राज्य का दर्जा बहाल कराना चाहते हैं, वे बिजली तथा अन्य समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं और नयी दिल्ली से टकराव करके इनका समाधान नहीं निकलेगा।’’ अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बृहस्पतिवार को विधायक दल की एक बैठक बुलाएगी।
(इनपुट एजेंस)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।