Hindi Newsविदेश न्यूज़Will Canada arrest Benjamin Netanyahu Trudeau big statement on ICC warrant

बेंजामिन नेतन्याहू को गिरफ्तार करेगा कनाडा? ICC वारंट पर ट्रूडो का चौंकाने वाला बयान

  • आईसीसी ने बृहस्पतिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री और हमास के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ओटावाFri, 22 Nov 2024 04:41 PM
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय कानून और अदालतों के फैसलों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रूडो का यह बयान तब आया जब आईसीसी ने बृहस्पतिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री और हमास के अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। वारंट में उन पर गाजा में युद्ध और अक्टूबर 2023 के हमलों को लेकर युद्ध अपराध व मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है।

प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कुछ ऐसा है जिसे हम संघर्ष की शुरुआत से ही कह रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थन में खड़े हैं और अंतरराष्ट्रीय अदालतों के सभी नियमों और निर्णयों का पालन करेंगे। यह हमारे लिए एक कनाडाई पहचान का हिस्सा है।" ट्रूडो के बयान से साफ है कि अगर नेतन्याहू कनाडा आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ICC ने नेतन्याहू और अन्य के खिलाफ वारंट क्यों जारी किया?

ICC के अनुसार, नेतन्याहू और गैलेंट पर आरोप है कि उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों को अंजाम दिया। यह संघर्ष पिछले एक साल से जारी है। इसके अलावा, अदालत ने हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद देइफ के खिलाफ भी वारंट जारी किया, हालांकि इजराइल का दावा है कि जुलाई में गाजा पर हुए एक हवाई हमले में देइफ मारा गया।

इजराइल और हमास दोनों ने ICC के आरोपों से इनकार किया है। इजरायल ने ICC के फैसले को यहूदी-विरोधी करार दिया। वहीं इजरायल के कनाडाई राजदूत इड्डो मोएड ने कनाडा से आग्रह किया कि वह इस फैसले को खारिज कर दे। उन्होंने इस फैसले को इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार के खिलाफ बताया।

कनाडा और अन्य देशों की प्रतिक्रिया

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश ICC की संधि के तहत अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा। साथ ही, ट्रूडो ने संघर्षविराम की आवश्यकता और इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति स्थापित करने के लिए दो-राज्य समाधान की वकालत की। दूसरी ओर, अमेरिका ने इस वारंट को पूरी तरह खारिज कर दिया। बता दें कि अमेरिका ICC का सदस्य नहीं है। अमेरिका ने ICC वकीलों की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और सहयोगी देशों के साथ प्रतिक्रिया का समन्वय करने की योजना व्यक्त की।

ICC अपने मामलों पर निर्णय कैसे करता है?

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) विश्व में गंभीर अपराधों जैसे नरसंहार, युद्ध अपराध, और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए 2002 में स्थापित किया गया था। यह अदालत तब सक्रिय होती है जब संबंधित देशों की न्याय प्रणाली इन मामलों को सुलझाने में असमर्थ या अनिच्छुक होती है।

शिकायत: अदालत की प्रक्रिया एक शिकायत के साथ शुरू होती है, जिसे पीड़ित पक्ष, सदस्य देश, अंतरराष्ट्रीय संगठन, या नागरिक समाज समूह दायर कर सकते हैं।

जांच: अदालत के अभियोजक यह तय करते हैं कि क्या पर्याप्त सबूत हैं।

फैसला: अगर सबूत पर्याप्त हैं, तो अभियोग दायर किया जाता है और गिरफ्तारी वारंट या समन जारी होता है।

सदस्य देशों की भूमिका: ICC के पास अपना प्रवर्तन तंत्र नहीं है। यानी इसकी खुद की कोई पुलिस या सुरक्षाबल नहीं हैं। यह अपने 124 सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वे अदालत के आदेशों का पालन करें। इस प्रक्रिया में, ICC यह सुनिश्चित करता है कि दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए और न्याय पीड़ितों तक पहुंचे।

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