तनातनी के बीच अपने ही देश की सड़क और रेल क्यों उड़ा रहा किम जोंग उन, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
दशकों से उत्तर और दक्षिण कोरिया आधिकारिक तौर पर पुनर्मिलन के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। उन दोनों के संविधानों में भी पूरे प्रायद्वीप पर संप्रभुता का दावा किया गया है लेकिन जनवरी में, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया को अपना 'प्रमुख शत्रु' घोषित कर दिया
सनकी तानाशाह किम जोंग उन के शासन वाले उत्तर कोरिया ने आक्रोश में उठाए गए कदम के तहत मंगलवार को उन सड़कों के उत्तरी हिस्से को नष्ट कर दिया है जो उसे दक्षिण कोरिया से जोड़ते थे। हालांकि, वह सड़क अब उपयोग में नहीं थी। सड़क के अलावा रेल लाइनों को भी उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने डायनामाइट से विस्फोट कर उड़ा दिया है। उत्तर कोरिया ने यह कदम उस दावे के बाद उठाया है कि दक्षिण कोरिया ने उसकी राजधानी प्योंगयांग पर ड्रोन उड़ाए थे जिसके बाद दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इसी कड़ी में सड़कों को ध्वस्त करना दक्षिण कोरिया की रूढ़िवादी सरकार के खिलाफ उत्तर कोरिया के बढ़ते गुस्से को दिखाता है।
किम जोंग ने दी धमकी
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के साथ संबंध खत्म करने का आह्वान किया है। इतना ही नहीं उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर ड्रोन घुसपैठ का बदला युद्ध से लेने और सीमा पर परमाणु मिसाइल तैनात करने की भी धमकी दी है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि सड़कों को विस्फोट के जरिये नष्ट करने के जवाब में दक्षिण कोरियाई सेना ने भी दक्षिणी सीमा पर गोलीबारी की है। हालांकि उसने बयान में गोलीबारी पर विस्तृत जानकारी नहीं दी।
अभी यह पता नहीं चला है कि क्या उत्तर कोरियाई ने इस गोलीबारी पर कोई जवाबी कार्रवाई की है या नहीं? दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि वह अमेरिका के साथ अपनी तैयारी और निगरानी बढ़ा रही है। दक्षिण कोरिया की सेना द्वारा उपलब्ध कराये गए एक वीडियो में पश्चिमी सीमावर्ती शहर केसोंग के समीप एक सड़क पर विस्फोट के कारण निकलता धुआं और उत्तर कोरिया के मलबे को हटाने के लिए ट्रकों तथा मशीनों को जाते हुए दिखाया गया है। एक अन्य वीडियो में कोरिया की पूर्वी सीमा के समीप एक तटीय सड़क से धुआं उठते हुए दिखायी दे रहा है।
उत्तर कोरिया का राजनीतिक संदेश के तौर पर अपनी सरजमीं पर इमारतों को ध्वस्त करने का इतिहास रहा है। उसने 2020 में भी दक्षिण कोरिया द्वारा निर्मित एक संपर्क कार्यालय की इमारत को उड़ा दिया था जो खाली पड़ी थी। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर इस महीने तीन बार प्योंगयांग पर दुष्प्रचार वाले पर्चे गिराने के लिए ड्रोन भेजे जाने का आरोप लगाया है और दोबारा ड्रोन भेजने पर बल प्रयोग से इसका जवाब देने की धमकी दी है। दक्षिण कोरिया ने ड्रोन भेजे जाने की पुष्टि करने से इनकार किया है लेकिन चेतावनी दी कि अगर उसके नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डाला गया तो उत्तर कोरिया को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने कहा है कि उत्तर कोरिया को ऐसे अर्निदिष्ट स्पष्ट सबूत मिले हैं कि कथित तौर पर ड्रोन भेजे जाने के पीछे दक्षिण कोरियाई ‘‘सेना के गुंडों’’ का हाथ है। साल 2000 में अंतर-कोरियाई संबंधों में नरमी के दौरान दोनों देशों ने भारी किलेबंदी वाली अपनी सीमा को दो सड़क मार्गों और दो रेल पटरियों से फिर से जोड़ा था लेकिन उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और अन्य मुद्दों को लेकर बाद में उनका संचालन निलंबित कर दिया गया था। पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह दक्षिण कोरिया के साथ अपनी सीमा को स्थायी रूप से अवरुद्ध कर देगा और दक्षिण कोरियाई व अमेरिकी सेनाओं की ‘‘उकसावे वाली कार्रवाई’’ से निपटने के लिए अग्रिम पंक्ति पर रक्षा क्षमताओं का विकास करेगा।
बता दें कि दशकों से उत्तर और दक्षिण कोरिया आधिकारिक तौर पर पुनर्मिलन के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। उन दोनों के संविधानों में भी पूरे प्रायद्वीप पर संप्रभुता का दावा किया गया है लेकिन जनवरी में, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया को अपना 'प्रमुख शत्रु' घोषित कर दिया और सभी तरह के संचार को काट दिया। जोंग उन ने सुलह की किसी भी संभावना या साथी देशवासियों का उल्लेख रिकॉर्ड से हटा दिया। इसके बाद से उत्तर कोरिया ने मिसाइल और रॉकेट परीक्षणों में तेजी ला दी है। किम जोंग के देश ने दक्षिण पर कचरा ले जाने वाले गुब्बारों से बमबारी तक की है।
अब जान लीजिए वजह
क्यूंगनाम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लिम ईउल-चुल ने समाचार एजेंसी AFP को बताया है कि उत्तर कोरिया ने जो कहा था, वह बस उसी का पालन कर रहा है। चुन ने कहा, "ऐसा लगता है कि यह उत्तर कोरिया के दक्षिण में 'विलय द्वारा एकीकरण' के किसी भी आधार को पूरी तरह से समाप्त करने का दृढ़ संकल्प दर्शाता है।" किम ने हाल ही में यहां तक कहा कि उनका देश अब "दक्षिण को आजाद कराने" में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है। उन्होंने बताया कि किम जोंग ने ऐसा इसलिए किया है ताकि वह अपने देशवासियों का ध्यान उन विषम परिस्थितियों और संकटों से हटा सके जिसकी वजह से उसके नागरिक हलकान हैं।
दरअसल, इस साल गर्मी के मौसम में उत्तर कोरिया के कई इलाके विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इससे हजारों लोग बेघर हो गए और बड़े पैमाने पर खेतीबारी चौपट हो गई है। सैकड़ों लोग इ, भयानक बाढ़ में मारे भी गए हैं। सियोल के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते घरेलू असंतोष से ध्यान हटाने के लिए प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया के साथ संघर्ष के इस नए अध्याय की शुरुआत की साजिश रची है।
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