Hindi Newsविदेश न्यूज़Why European union in tension after Donald Trumps return 27 country mega meeting EU confronts economic challenges

डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी से टेंशन में क्यों यूरोपीय यूनियन, 27 देश आज करने जा रहे महामंथन

अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध से लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रतिबद्धताओं को वापस लेने और रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में बुनियादी बदलाव लाने तक की बात कही थी।

Pramod Praveen एपी, बुडापेस्ट (हंगरी)Fri, 8 Nov 2024 03:12 PM
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डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से दुनियाभर के कई देशों में खलबली मची हुई है। 27 देशों के यूरोपीय यूनियन भी इसमें शामिल है। पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे यूरोपीय यूनियन को चिंता सता रही है कि ट्रम्प प्रशासन के तहत उसे औरवित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ट्रम्प अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार टैरिफ बढ़ाने और आयात पर उच्च शुल्क थोपकर अमेरिका को लाभ पहुंचाने का ऐलान कर चुके हैं। इसके अलावा वह रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म कराने की पहल भी कर सकते हैं।

अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध से लेकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्रतिबद्धताओं को वापस लेने और रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के समर्थन में बुनियादी बदलाव लाने तक की बात कही थी। इन वजहों से यूरोपीय देश परेशान है क्योंकि ये सभी मुद्दे पूरे यूरोप के देशों के लिए गंभीर परिणाम ला सकते हैं।

जेलेंस्की भी बैठक में होंगे शामिल

लिहाजा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूट सहित लगभग 50 यूरोपीय नेता डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद संबंधों पर पड़ने वाले असर का आकलन करने के लिए बुडापेस्ट में शुक्रवार को महामंथन करने वाले हैं। दरअसल, पहले से ही जटिल आर्थिक स्थिति को और मुश्किल बनाते हुए, यूरोप की आर्थिक महाशक्ति जर्मनी चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त करने के बाद राजनीतिक संकट में फंस गई है। यह घटनाक्रम कुछ महीनों में चुनाव होने और यूरोप में कट्टर दक्षिणपंथी और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच एक और गतिरोध की आशंका को बढ़ाता है।

दो घटनाओं से बढ़ी चिंता

पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि अमेरिकी चुनाव और जर्मनी का सियासी संकट, इन दो घटनाओं ने साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना दिया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का असर पड़ना अभी बाकी है। यूरोपीय परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल ने कहा, ‘‘अमेरिका के साथ हमारा संबंध महत्वपूर्ण है और हम इसे प्रगाढ़ करने के लिए तैयार हैं।’’ उधर, ब्रिटेन, तुर्की और बाल्कन देशों के नेता भी यूरोपीय संघ के 27 देशों से एक अलग शिखर बैठक करने वाले हैं।

शिखर सम्मेलन के मेजबान और ट्रंप के प्रशंसक, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने कहा है कि उन्होंने रात में ट्रम्प के साथ फोन पर बात की, और घोषणा की कि ‘‘हमारे पास भविष्य के लिए बड़ी योजनाएं हैं!’’ उधर, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने रोम और वाशिंगटन को एक सूत्र में पिरोने वाली गहरी और ऐतिहासिक रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। यह साझेदारी ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान, 2017 से 2021 तक निरंतर दबाव में रही।

पूर्ववर्ती ट्रम्प सरकार लगा चुकी है शुल्क

पूर्ववर्ती ट्रम्प प्रशासन ने विदेशी उत्पादों के अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के दावों के आधार पर यूरोपीय संघ के इस्पात और एलुमिनियम पर 2018 में शुल्क लगा दिया था। यूरोपीय और अन्य सहयोगियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका निर्मित मोटरसाइकिल, बर्बन व्हिस्की, पीनट बटर और जींस सहित अन्य वस्तुओं पर शुल्क लगा दिया।

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अमेरिकी चुनाव परिणाम का प्रभाव यूरोप में आने वाले वर्षों में महसूस किया जा सकता है, जिसमें यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध, साथ ही प्रवासन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे होंगे। सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में जेलेंस्की भी शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह अपने देश को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए और अधिक सहायता की अपील करेंगे। यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है कि ट्रंप ने निर्वाचित होने के ‘‘24 घंटे के भीतर’’ युद्ध समाप्त करने का संकल्प लिया है।

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