Hindi Newsविदेश न्यूज़Why Chinese Company leaving Pakistan scholar Qamar Cheema reveals failure of PM Shehbaz Government

पाकिस्तान से क्यों रफूचक्कर हो रहीं चीनी कंपनियां, पाक स्कॉलर ने खोली पोल; PM शहबाज की उड़ाई खिल्ली

कमर चीमा कहते हैं कि पाकिस्तान में इंडस्ट्रियल ग्रोथ का एनवॉयरमेंट नहीं है, जबकि पड़ोसी भारत में एफडीआई खूब फल-फूल रहा है और वहां विदेशी कंपनियां निवेश करने के लिए लालायित हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादFri, 29 Nov 2024 08:47 PM
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पाकिस्तान से क्यों रफूचक्कर हो रहीं चीनी कंपनियां, पाक स्कॉलर ने खोली पोल; PM शहबाज की उड़ाई खिल्ली

पड़ोसी देश पाकिस्तान में हालात इतने खराब हैं कि बहुत जतन के बाद वहां के रशकाई स्पेशल इकोनॉमिक जोन में स्थापित की गई चीनी स्टील कंपनी सेंचुरी मिल ने अपना संयंत्र बंद कर बोरिया-बिस्तर समेटने का ऐलान कर दिया है। इस कंपनी ने कहा था कि वह पाकिस्तान में 250 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी लेकिन चीनी कंपनी 30 मिलियन डॉलर का निवेश कर ही पछताने लगी और हालात इस कदर अनियंत्रित हुए कि अब वहां से रफूचक्कर होने का ऐलान कर दिया है। इस कंपनी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को खत लिखकर 18 किस्म की शिकायतें गिनाई हैं और देश छोड़ने की धमकी दी है। अब पाकिस्तान के स्कॉलर शरीफ सरकार की खिल्ली उड़ा रहे हैं।

इस्लामाबाद स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मॉडर्न लैंग्वेजेज के इंटरनेशनल रिलेशंस डिपार्टमेंट में 14 वर्षों तक संकाय सदस्य रह चुके स्कॉलर डॉ. कमर चीमा ने अपने पॉडकास्ट में पाकिस्तान सरकार की इस बात के लिए आलोचना की है कि उसे उद्योग नहीं खैरात चाहिए। कमर चीमा कहते हैं कि कोई भी निवेशक पाकिस्तान में कारोबार कर ही नहीं सकता क्योंकि यहां न तो राजनीतिक स्थिरता है और न ही ब्यूरोक्रेसी का सपोर्ट। बकौल चीमा पाकिस्तान में स्पेशल जोन में होने के बावजूद इस स्टील कंपनी को बिजली नीं मिल पा रही थी।

उन्होंने बताया कि सेंचुरी स्टील मिल ने सालाना 5 लाख टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा था लेकिन पांच सालों में वह 25 लाख टन की जगह सिर्फ 15 लाख टन स्टील का ही उत्पादन कर सकी। कमर चीमा कहते हैं कि पाकिस्तान में इंडस्ट्रियल ग्रोथ का एनवॉयरमेंट नहीं है, जबकि पड़ोसी भारत में एफडीआई खूब फल-फूल रहा है और वहां विदेशी कंपनियां निवेश करने के लिए लालायित हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार और वहां के लोग विदेशी कंपनियों को निचोड़-निचोड़ कर बेदम कर दे रहे हैं। इससे तंग आकर वहां से कंपनियां तुरंत अपना बोरिया- बिस्तर समेट ले रही हैं।

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यूट्यूब पर पोस्ट अपने पॉडकास्ट वीडियो में चीमा कहते हैं कि चीनी भारत इसलिए जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें भारत में सारी सुविधाएं मिल रही है। उन्होंने शरीफ सरकार की बदइंतजामी की पोल खोलते हुए कहा कि यहां एक तो करंसी की वैल्यू बहुत कम है, दूसरी बात महंगाई चरम पर है। पाकिस्तानी मुद्रा स्थिर नहीं है और आर्थिक मंदी और अस्थिरता है। राजनीतिक उठापटक है। उन्होंने बताया कि दो दिनों के अंदर स्टॉक एक्सचेज में 485 अरब रुपया की गिरावट आई है। उन्होंने इस बात को लेकर भी पाक सरकार की खिल्ली उड़ाई कि यहां की मानसिकता खैरात लेने की है।

बता दें कि स्टील कंपनी ने भी पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा था कि उसे मशीनरी आयात में बाधाएं झेलनी पड़ रही हैं। इसके अलावा स्टील की बढ़ती लागत और अत्यधिक सुरक्षा व्यय कंपनी के सामने आने वाली चुनौतियों से परेशान है। कंपनी ने पाकिस्तान सरकार को अंतिम चेतावनी दी और स्थिति में सुधार करने का आग्रह किया था।

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