धरती से मिला तबाही का संकेत, 9 दिनों तक आती रही अजीब आवाज; वैज्ञानिकों का बड़ा दावा
- बीते साल वैज्ञानिकों ने धरती से 9 दिनों तक लगातार अजीब तरंगों की आवाज सुनी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आवाज ग्रीनलैंड में सुदूर इलाके में ग्लेशियर के टूटकर गिरने की थी।
सीस्मिक ऐक्टिविटी पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों के दावे ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। बीते साल सितंबर में सीस्मिक घटनाओं पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने बताया था कि धरती से एक अजीब तरह की आवाज आ रही है। यह आवाज आर्कटिक से अंटार्कटिका तक सुनी जा सकती थी। सामान्य तौर पर भूकंप के वक्त आने वाली आवाज से यह पूरी तरह अलग थी। इसकी फ्रेक्वेंसी एक ही वाइब्रेशन की थी। यह आवाज लगातार 9 दिनों तक सुनी गई।
पहले वैज्ञानिकों ने इसे यूएसओ यानी अनआइडेंटिफाइड सीस्मिक ऑब्जेक्ट बताया।इसके बाद पता चला कि ग्रीनलैंड के सुदूर इलाके में भयंकर लैंडस्लाइड हुआ है। यहां बड़ी संख्या में चट्टानें और बर्फ के टुकड़े समंदर की खाड़ी में गिरे। बर्फ इतनी मात्रा में थी कि उससे 10 हजार स्विमिंग पूल भरे जा सकते ते। इसके बाद 200 मीटर ऊंची लहरें उठने लगीं जो सुनामी में परिवर्तित हो गईं। 9 से ज्यादा दिनों तक यह सब चलता रहा।
इसका प्रभाव भले ही रिहाइशी इलाकों में ना पड़ा हो लेकिन इस तरह की घटनाएं भविष्य के लिए बड़ी चेतावनी हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से ग्लेशियर टूटने से ऐसी घटनाएं होती हैं जो कि कभी भी सुनामी में परिवर्तित हो सकती हैं।
जर्नल साइंस में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि यह आवाज डिक्सन खाड़ी में रॉकस्लाइड की वजह से आ रही थी। स्टडी में पता चला है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसी घटनां शुरू हो गई हैं जो कि खतरे की घंटी है। इससे धऱती का संतुलन बिगड़ सकता है। बीते कुछ दशकों में ग्लेशियर कई मीटर तक पतले हो गए हैं। ऐसे में अगर ग्लेशियर या पहाड़ गिरते हैं तो पूरी धरती पर तरंगें पैदा होती हैं। पूरी दिनिया में सीस्मिक वेव महसूस की जा सकती हैं।
जैसे-जैसे ग्लेशियर पतले होंगे, ध्रुवीय इलाकों में सुनामी का खतरा बढ़ता चला जाएगा। डिक्सन खाड़ी में हुई घटना बताती है कि किस तरह से तबाही की आहट मिल रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही इस तरह की घटनाएं आम हो सकती हैं।
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