Hindi Newsविदेश न्यूज़US China relations to further decline as Biden administration looking to ban chinese imports

इस कदम से और बिगड़ सकते हैं चीन और अमेरिका के रिश्ते, बड़ा प्रतिबंध लगाएगी बाइडेन सरकार

  • अमेरिकी वाणिज्य विभाग चीन से होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए से एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। प्रस्तावित प्रतिबंध ब्लूटूथ, सैटेलाइट और वायरलेस सुविधाओं वाले वाहनों के साथ-साथ ऑटोनॉमस वाहनों पर भी लागू होंगे।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानMon, 23 Sep 2024 09:36 AM
share Share

अमेरिका में हुए क्वाड सम्मेलन के बाद चीन पहले से ही चिढ़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया जहां उन्होंने दक्षिणी चीन सागर और एशिया में चीन की बढ़ती आक्रामकता को बड़ा खतरा माना है। इसके बाद चीन की स्थानीय मीडिया ने कहा था कि क्वाड समूह चीन से प्रतिस्पर्धा करने के लिए बना एक समूह है। इस बीच अब अमेरिका ने एक और ऐसा कदम उठाने की तैयारी में है जिससे चीन के साथ उसके रिश्ते और बिगड़ सकते हैं। अमेरिकी वाणिज्य विभाग चीन से होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए से बड़ा प्रतिबंध लगाएगा।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले से परिचित सूत्रों ने बताया कि विभाग चीन से उन वाहनों के आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करेगा जो ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम में चीनी-निर्मित सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर का उपयोग करते हैं। बाइडेन प्रशासन ने चीनी कंपनियों द्वारा अमेरिकी ड्राइवरों और बुनियादी ढांचे पर संवेदनशील डेटा इकठ्ठा करने की क्षमता के साथ-साथ इंटरनेट से जुड़ी गाड़ियों में हेरफेर के जोखिम को लेकर चिंता व्यक्त की है।

कई जोखिम

नए प्रतिबंध अमेरिकी बाजार में चीनी तकनीक के प्रभाव को सीमित करने के अमेरिकी सरकार की कोशिशों का एक हिस्सा है। इसे लेकर वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने मई में कहा था कि कनेक्टेड अमेरिकी वाहनों में चीनी सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर से कई जोखिम हैं। वाणिज्य विभाग नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 30 दिनों के लिए आम लोगों से राय देने की अपील करेगा। प्रस्तावित प्रतिबंध कुछ ब्लूटूथ, सैटेलाइट और वायरलेस सुविधाओं वाले वाहनों के साथ-साथ मानव चालक के बिना चलने में सक्षम ऑटोनॉमस वाहनों पर भी लागू होंगे।

कार निर्माता प्रतिबंध के पक्ष में नहीं

इस कदम का ऑटोमोटिव उद्योग से विरोध होने की उम्मीद है। जनरल मोटर्स, टोयोटा मोटर, वोक्सवैगन, हुंडई और अन्य सहित प्रमुख वाहन निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यापार समूह ने कथित तौर पर चेतावनी दी थी कि हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर को बदलने में समय लगेगा और यह महंगा है। कार निर्माताओं ने कहा कि उनके सिस्टम प्री-प्रोडक्शन इंजीनियरिंग और जांच की प्रक्रियाओं से गुजरते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें