भारत से रिश्ते सुधार रहा तुर्की? UN महासभा में एर्दोगन ने पहली बार नहीं आलापा कश्मीर राग
- इस साल कश्मीर पर एर्दोगान की चुप्पी को भारत-तुर्किये संबंधों के सकारात्मक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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तुर्किये (तुर्की) के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने इस साल पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान कश्मीर का जिक्र नहीं किया। भारत का केंद्र शासित प्रदेश वर्षों से तुर्की के राष्ट्रपति के संबोधन का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। 2019 में भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से एर्दोगन ने नियमित रूप से कश्मीर का मुद्दा उठाया है।
WION की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में, एर्दोगन ने "भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और सहयोग के माध्यम से कश्मीर में एक न्यायसंगत और स्थायी शांति स्थापित करने" का आह्वान किया था। 2022 में भी उन्होंने इसी तरह की बात की थी और यह दुख जताया था कि 75 वर्षों के बाद भी दोनों देशों के बीच मजबूत शांति और सहयोग स्थापित नहीं हो पाया है। 2021 और 2020 में एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का समर्थन किया था। 2019 में उन्होंने कश्मीर विवाद को "न्याय और निष्पक्षता के आधार पर संवाद के माध्यम से हल करने" की आवश्यकता पर जोर दिया था।
इस साल कश्मीर पर एर्दोगान की चुप्पी को भारत-तुर्किये संबंधों के सकारात्मक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि तुर्किये BRICS समूह का सदस्य बनने के लिए प्रयासरत है। भारत ब्रिक्स के संस्थापक देशों में से एक है। BRICS में शामिल होने से तुर्किये को नए आर्थिक अवसर, व्यापार संबंधों में वृद्धि, BRICS देशों से निवेश, और न्यू डेवलपमेंट बैंक जैसे वैकल्पिक वित्तीय तंत्रों में भागीदारी के अवसर मिल सकते हैं।
BRICS के संस्थापक सदस्यों में भारत एक प्रमुख देश है, और एर्दोगन ने अपने UNGA संबोधन में कहा, "हम BRICS के साथ अपने संबंधों को विकसित करने की इच्छा रखते हैं, जो उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है।" उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश क्षेत्रीय संगठनों जैसे इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA), पैसिफिक आइलैंड्स फोरम और विशेष रूप से ASEAN के साथ गहरे संबंध बना रहा है। IORA एक और संगठन है जिसमें भारत एक प्रमुख सदस्य है। पिछले हफ्ते भारत ने तुर्किये के लिए अपने नए राजदूत मुकतेश कुमार परदेशी की घोषणा की, जो वर्तमान में विदेश मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी हैं।
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