ट्रूडो सरकार ने किया ‘कनाडा फर्स्ट’ नीति का ऐलान, प्रवासी भारतीयों पर क्या असर?
- ट्रूडो सरकार की कोराना के दौरान विदेशी कर्मचारियों को दी गई ढ़िलाई के कारण वहां पढ़ने गए कई भारतीय छात्रों ने शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, फूड स्टोर में काम करना शुरू कर दिया था, जिससे उनकी पढ़ाई के साथ-साथ कुछ आमदनी होनी भी शुरू हो गई थी।
भारत और कनाडा के बिगड़ते संबंधों के बीच कनाडा के पीएम ट्रूडो ने कनाडा फर्स्ट नीति का ऐलान कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कनाडा में इस नीति का सबसे बड़ा असर वहां पर रहने वाले भारतीयों पर ही पड़ेगा। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस नीति का ऐलान करते हुए ट्रूडो ने लिखा कि कंपनियों को नौकरी में अब कनाडाई नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी। जब कोई कंपनी किसी विदेशी नागरिक को अपने यहां काम पर रखेगी तो उसे पहले यह बताना होगा कि उन्हें उस काम के लायक कोई उपयुक्त कनाडाई नागरिक नहीं मिला।
कनाडा की सरकार की इस नीति का सबसे बड़ा असर वहां पर बसे भारतीयों पर ही पड़ेगा। क्योंकि ट्रूड़ो सरकार की कोरोना के दौरान विदेशी कर्मचारियों को दी गई ढिलाई के कारण वहां पढ़ने गए कई भारतीय छात्रों ने शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, फूड स्टोर में काम करना शुरू कर दिया था, जिससे उनकी पढ़ाई के साथ-साथ कुछ आमदनी होनी भी शुरू हो गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में कनाडा में काम कर रहे विदेशी अस्थाई वर्करों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा थी।
कनाडा की ट्रूडो सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी इकॉनामी में सुधार और स्थायित्व लाने के लिए अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए नए नियम बनाए थे। इसके तहत विदेशी नागरिकों को कनाडा में काम करने में सहूलियत दी गई थी। कनाडा सरकार की इस पहल का भारतीय छात्रों और वहां काम कर रहे लोगों को बहुत फायदा मिला था। कनाडा सरकार के फैसले के बाद भारतीय छात्रों में कनाडा यूनिवर्सिटी को लेकर रुझान और भी ज्यादा बढ़ गया। 2024 में लगभग 4.26 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई करने के लिए गए।
कनाडा सरकार अस्थाई कर्मचारियों में विदेशियों की भूमिका को घटाने से इतर स्थाई नागरिकता देने में भी कटौती करने का ऐलान किया है। कनाडा सरकार में अप्रवासी मंत्री का पद संभालने वाले मार्क मिल ने बताया कि एक साल पहले हमारी सरकार ने हर साल 5-5 लाख लोगों को नागरिकता देने का फैसला किया था लेकिन अब परिस्थितियों के हिसाब से हमें यह बदलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब हम अगले साल 3.95, 2026 में 3.80 और फिर 2027 में 3.65 लाख लोगों को नागरिकता देंगे।
हर साल 5 लाख लोगों को स्थाई नागरिकता देने के ट्रूडो सरकार के फैसले को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
सरकार के इस फैसले पर ट्रूडो ने कहा कि महामारी से कनाडा की अर्थव्यवस्था को उभारने में अप्रवासियों का बेहद महत्वपूर्ण हाथ है लेकिन अब हम इससे उभर चुके हैं। अब हमें कनाडा के भविष्य के लिए स्थायित्व देने वाली नीतियों की तरफ देखना होगा।
कनाडा हमेशा से ही अप्रवासियों के लिए खुले दरवाजे वाला देश रहा है। 2021 की जनगणना के मुताबिक कनाडा की करीब 24 फीसदी आबादी कनाडा से बाहर पैदा हुई थी। कनाडा में अप्रवासी भारतीयों की संख्या भी अच्छी खासी मात्रा में हैं। कनाडा में रहने वाले हर 10 में से दो अप्रवासी भारतीय हैं।
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