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पैसों के लिए सेक्स कर रहीं टीचर और डॉक्टर, इस देश में पढ़ी लिखी महिलाओं की दुर्दशा

  • मे नाम की बताती हैं कि बुरे हालात में उन्हें 'डेट गर्ल्स' के बारे में पता चला, जो उनसे ज्यादा कमा रही थीं। इसमें पुरुषों के साथ सेक्स भी शामिल था। वह डॉक्टर हैं।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 Dec 2024 02:09 PM
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पैसों के लिए सेक्स कर रहीं टीचर और डॉक्टर, इस देश में पढ़ी लिखी महिलाओं की दुर्दशा

कहानी म्यांमार की है। नौबत ऐसी आ चुकी है कि यहां डॉक्टर से लेकर शिक्षक तक बनीं कई महिलाएं अब घर चलाने के लिए देह बेचने को मजबूर हैं। कहा जाता है कि पहले ही कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे देश ने राजनीतिक संकट भी झेला और तब से ही अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट लगी है। फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ऐसी ही एक महिला मे का जिक्र मिलता है। मे ने स्वाभाविक कारणों से अपना पूरा नाम तो नहीं बताया, लेकिन कहानी बयां की है। कोविड, सेना का सत्ता पर कब्जा होने के बाद से कीमतों का बढ़ना जारी हुआ। नतीजा यह हुआ कि उनका 415 डॉलर की मासिक कमाई और तेजी से खर्च होने लगी। ऐसे में उन्हें किडनी की बीमारी का सामना कर रहे पिता का इलाज भी कराना था। वह एक साल से ज्यादा समय से देह व्यापार में हैं।

करने लगीं जिस्मफरोशी

अंग्रेजी अखबार से बातचीत में वह बताती हैं कि बुरे हालात में उन्हें 'डेट गर्ल्स' के बारे में पता चला, जो उनसे ज्यादा कमा रही थीं। इसमें पुरुषों के साथ सेक्स भी शामिल था। मे बताती हैं, 'डॉक्टर बनने के लिए की गई सालों की पढ़ाई के बावजूद ऐसा काम सिर्फ जरूरतों को पूरा करने के लिए करना पड़ा रहा है।'

रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर, टीचर, नर्स और ऐसे ही सफेदपोश कामों में शामिल कई महिलाएं सेक्स वर्कर बन गईं हैं। हालांकि, ऐसी कितनी महिलाएं हैं, इसका स्पष्ट आंकड़ा मिलना कठिन है, लेकिन कहा जाता है कि सड़कों पर महिलाओं का घूमना बढ़ा है। अखबार से बातचीत में आधा दर्जन महिलाएं बताती हैं कि शिक्षित महिलाएं जीवनयापन के लिए पुरुषों के साथ सेक्स कर रही हैं।

बंद हो गए कारखाने

आंकड़े बताते हैं कि साल 2026 तक कपड़ों की फैक्ट्रियों में 16 लाख महिलाओं को रोजगार मिलने का लक्ष्य था। ये कारखाने कई ग्रामीण महिलाओं के लिए लाइफलाइन की तरह थे। हालांकि, अब कई बंद हो चुके हैं और उनकी कंपनियां भी तख्तापलट होने के बाद म्यांमार से बाहर चली गई हैं।

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