खेत में ऐसा क्या उगा रहे थे अफगानी, तालिबान ने एक झटके में 100 को कर दिया अरेस्ट
- तालिबान सरकार के आदेश पर पुलिस ने 100 से अधिक अफगानों को गिरफ्तार किया है। उन पर खेतों में पोस्त उगाने का आरोप है। कभी इसकी खेती में अफगानिस्तान दुनिया का सबसे अग्रणी देश था।
तालिबान के राज में अफगानों का हाल बहुत बुरा है। हाल ही में तालिबान के आदेश पर पुलिस ने खेत में पोस्त उगा रहे 100 से अधिक अफगानों को गिरफ्तार कर लिया गया। तालिबान राज में पोस्ता की खेती बैन है। तालिबान सरकार ने 2022 में इसकी खेती पर बैन लगा रहा है। अफगानिस्तान कभी पोस्त की खेती में दुनिया का सबसे अग्रणी देश था।
पोस्त को खसखस या पॉपी भी कहते हैं। यह मुख्यत: अफीम के लिये बोया जाता है। कच्चे डोडे पर तेज चाकू से धारियां बनाने पर, एक प्रकार का दूध निकलता है जो सूखकर गाढ़ा होने पर खुरच लिया जाता है। यही अफीम है। अफगान पुलिस ने रविवार को कहा कि पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में पोस्ता उगाने के आरोप में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिस क्षेत्र से अफगानी गिरफ्तार हुए हैं, वहां इसकी फसल पर तालिबान सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। यहां अफगानों ने सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया था।
तालिबान अधिकारियों ने, अपने सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा के आदेश पर 2022 में पूरे अफगानिस्तान में पोस्ता उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले अफगानिस्तान दुनिया का शीर्ष उत्पादक देश था। अफगानिस्तान में ड्रग्स विभाग के निदेशक शफीकुल्लाह हाफ़िज़ी ने कहा, "आज एक अभियान के दौरान, विभाग के बलों ने पोस्त की खेती करते हुए विभिन्न गांवों के निवासियों सहित सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों को प्राथमिक अदालत में पेश किया गया ताकि उनके खिलाफ कानूनी मुकदमा चलाया जा सके।"
अफगानिस्तान में प्रतिबंध के कारण 2023 में पोस्ता की फसल में 95 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन किसानों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ और वे वैकल्पिक फसलों से उतना मुनाफा नहीं ले पाए।
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