ड्रग्स बेचकर अरबों कमाते थे सीरिया के तानाशाह असद, हमास और हिजबुल्लाह को भी होती थी सप्लाई
- सीरिया में कैप्टागन का 80 फीसदी उत्पादन होता था। पहले इसका इस्तेमाल चिकित्सा के लिए होता था लेकिन फिर असद की सरकार में इसे ड्रग्स के तौर पर बेचा जाना शुरू किया गया।
सीरिया में तख्तापलट के बाद 50 साल से शासन कर रहे असद परिवार की पारी खत्म हो गई है। वहीं बशर अल असद भागकर रूस में छिप गए हैं। अब यह भी सामने आ रहा है कि बशर अल असद की सरकार में सीरिया के लोगों पर किस तरह कहर ढाया जाता था। इसी बीच दावा किया गया है कि असद ड्रग्स से भारी कमाई करते थे और इसके इस्तेमाल वह अपने शौक पूरे करने के लिए भी करते थे। विद्रोही ग्रुप के हाथ में गरीबों की कोकीन कहे जाने वाले 'कैप्टागन' का बड़ा जखीरा हाथ लगा है।
सीरिया के विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल शाम (HTS) ने सैन्य छावनियों में बड़ी मात्रा में कैप्टागन बरामद किया है। इस ड्रग का निर्यात बड़ी मात्रा में सीरिया मे किया जाता था। कैप्टानगन से ही हर साल असद की सरकार पांच अरब डॉलर की कमाई करती थी। चिकित्सकीय जरूरतों के लिए इस ड्रग की जरूरत पड़ती है लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में नहीं। इसका इस्तेमाल सस्ते नशे के तौर पर किया जाता था।
इजरायल की वेबसाइट वायनेट ने रिपोर्ट में दावा किया कि हमास के लड़ाकों के पास भी कैप्टागन ड्रग मिली है। यह ड्रग सीरिया से ही हमास और हिजबुल्लाह को मिल रही थी। यह सारा काम बशर अल असद के भाई माहेर असद देखते थे। कैप्टागन उत्तेजक दवा है जिसका उत्पादन सीरिया में भी बड़ी मात्रा में होता था। इस ड्रग को दक्षिण अमेरिका और मेक्सिको में भी भेजा जाता था। इस ड्रग्स से हिजबुल्लाह, हमास, असद परिवार और सीरियाई सेना ने भी खूब कमाई कीथी।
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का 80 से 90 फीसदी कैप्टागन सीरिया में ही बनता है। असद के पास एक सेना की डिवीजन भी थी जिसका नाम ही कैप्टागन डिवीजन था। जॉर्डन जैसे पड़ोसी देश इस ड्रग उत्पादन के खिलाफ थे और उन्होंने इसका उत्पादन रुकवाने की कई बार कोशिश की। इस वजह से तनाव फैल गया था। बदा दें कि कैप्टागन दवाई के एक पुराने फार्मुला से बनाए जाने वाला ड्रग है। जर्मनी में इसका उत्पादन 1960 के करीब ही शुरू हुआ थआ। इसमें ऐंफेटामाइन और मेथांफेटामाइन का इस्तेमाल किया जाता है।
पहले इस दवा कि इस्तेमाल एडीएचडी और स्लीपिंग डिसऑर्डर नार्कोलेप्सी के लिसए किया जाता था। इस ड्रग से दिमाग में डोपामीन बढ़ जाता है और इससे लोगों को अच्छा अहसास होता है। इसके अलावा यह अडिक्ट बना देता है। इससे कुछ समय के लिए काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। कुल मिलाकर इसे एनर्जी बूस्टर भी कहा जा सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल लोगों को अडिक्ट बना देता है और फिर नशे के लिए इसका इस्तेमाल किया जाने लगता है।
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