Hindi Newsविदेश न्यूज़Sunita Williams Stuck in Space doing Amazing thing Soon Six and Half Hour She Will do

Sunita Williams: कई महीनों से अंतरिक्ष में 'फंसीं' सुनीता विलियम्स करने वाली हैं कमाल, साढ़े छह घंटे तक...

  • Sunita Williams News: सुनीता और निक हेग, दोनों एयरलॉक से 16 जनवरी को बाहर निकलेंगे और फिर इस स्पेसवॉक की शुरुआत होगी। नासा ने इस मिशन को स्पेसवॉक 91 रखा है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 8 Jan 2025 07:35 PM
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Sunita Williams News: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके अंतरिक्ष में साथी बुच विल्मोर लंबे समय से अंतरिक्ष में ‘फंसे’ हुए हैं। दोनों अब मार्च अंत या फिर अप्रैल के पहले हफ्ते में ही वापस धरती पर लौट सकेंगे, लेकिन वापसी से पहले सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष पर एक और कमाल करने वाली हैं। जल्द ही सुनीता और निक हेग इस साल का पहला स्पेसवॉक करने वाले हैं। दोनों की अंतरिक्ष पर यह वॉक साल 2025 की पहली वॉक होगी।

सुनीता और निक हेग, दोनों एयरलॉक से 16 जनवरी को बाहर निकलेंगे और फिर इस स्पेसवॉक की शुरुआत होगी। नासा ने इस मिशन को स्पेसवॉक 91 रखा है। यह स्पेसवॉक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बाहर होगी, जोकि लगभग साढ़े छह घंटे तक चलने वाली है। मालूम हो कि सुनीता स्पेस स्टेशन की कमांडर भी हैं। वह वहां अब तक कई मिशनों को अंजाम दे चुकी हैं।

इस स्पेसवॉक का ऑब्जेक्टिव स्पेस सेंटर को अपग्रेड और उसका मेंटेंस करना है। मुख्य लक्ष्य रेट गायरो असेंबली को रिप्लेस करना है, जोकि स्पेस स्टेशन के ओरिएंटेशन कंट्रोल और न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर एक्स रे टेलिस्कोप के लिए जरूरी होता है।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा सुनीता और निक के स्पेसवॉक का लाइव कवरेज भी करेगा। नासा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस वॉक को देखा जा सकेगा। भले ही सुनीता का यह पहला स्पेसवॉक होगा, लेकिन अब तक वह सात बार कर चुकी हैं, जबकि निक हेग इस बार चौथी बार स्पेसवॉक करेंगे। पहला स्पेसवॉक 16 जनवरी को होगा, जबकि 23 जनवरी को दोनों अंतरिक्ष यात्री फिर से एक बार और स्पेसवॉक करेंगे।

आखिर क्या होती है स्पेसवॉक?

जब भी कोई एस्ट्रोनॉट अपने यान से बाहर निकलता है, तो उसे स्पेसवॉक कहते हैं। इसे ईवीए भी कहा जाता है, जिसका मतलब एक्स्ट्रा व्हेकुलर एक्टिविटी होता है। नासा के अनुसार, स्पेसवॉक करने वाले पहले व्यक्ति रूस के एलेक्सी लियोनोव थे। पहला स्पेसवॉक 18 मार्च, 1965 को हुआ था, जोकि 10 मिनट लंबा था।

कई वजहों से अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में स्पेसवॉक पर जाते हैं। इसके जरिए एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में रहते हुए अपने अंतरिक्ष यान के बाहर काम कर सकते हैं। अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक के दौरान कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स भी करते हैं। इससे वैज्ञानिकों को यह पता चलता है कि अंतरिक्ष में रहने से अलग-अलग चीजों पर क्या असर पड़ता है। इसके अलावा, वे अंतरिक्ष यान की भी मरम्मत करने के लिए कई बार स्पेसवॉक करते हैं।

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