पाकिस्तान में क्यों मारा गया पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड लतीफ? सामने आई वजह
पाकिस्तान के एक डीपीओ के मुताबिक शाहिद लतीफ का कत्ल निजी दुश्मनी के चलते हुआ है। उसको कोई जमीनी विवाद चल रहा था। लतीफ के भाई को भी गोली लगी है।
साल 2016 में पठानकोट में हुए हमले के मास्टरमाइंड की पाकिस्तान में दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। बुधवार को मोटरसाइकल सवार हलमावरों ने उसे गोलियों से भून डाला। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि आतंकी शाहिद लतीफ आतंकवादियों द्वारा मारा गया है। हालांकि उसकी हत्या का दूसरा ऐंगल सामने आ गया है। गुजरावालां में रहने वाले आतंकी शाहिद लतीफ का कुछ जमीनी विवाद चल रहा था। न्यूज 18 की रिपोर्ट में कहा गया है कि सियालकोट के डीपीओ हसन इकबाल ने कहा है कि शाहिद की हत्या निजी दुश्मनी के चलते की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डीपीओ को मुताबिक शाहिद लतीफ का भाई भी हमले में घायल हुआ है। वहीं लतीफ के कुछ रिश्देदारों को भी पकड़ा गया है जो कि विवाद में शामिल थे। दरअसल 53 साल का लतीफ और उसका भाई हारिस हाशिम दस्का में नूर मदीना मस्जिद से नमाज पढ़कर निकल रहे थे। तभी हमलावरों ने गोली चला दी और वे तुरंत मोटरसाइकल से फरार हो गए।
लतीफ को कई नामों से जाना जाता था। उसे बिलाल और नूर अल दीन भी कहा जाता था। एनआईए की लिस्ट में वह वॉन्टेड था। पठानकोट हमले की साजिश मशूद अजहर के कहने पर उसी ने रची थी। जैश के आतंकी ने आतंकियों को हथियार और जानकारियां मुहैया करवाई थीं। पठान कोट में हुए हमले में 7 सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं चार आतंकी भी मार गिराए गए थे। लतीफ 1993 में जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुआ था और वह आतंकी गतिविधियों में शामिल था। इसके बाद उसे 1994 में ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि 2010 में उसे रिहा कर दिया गया जिसके बाद वह पाकिस्तान चला गया।
वहीं पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि लतीफ की हत्या आतंकी हरकत है। पाकिस्तान इस तरह के आतंकियों को पनाह देता रहा है। वह इतने सालों से पाकिस्तान में आराम से रह रहा था। पाकिस्तान का कहना है कि शाहिद को लंबे समय से जान का खतरा था। उसे इस तरह टारगेट करके मारना केवल आतंकी साजिश हो सकती है।
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