मस्ती पड़ जाएगी महंगी! इस देश ने सेक्स को लेकर बनाया ऐसा कानून कि दूर भागने लगे टूरिस्ट
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही नए संशोधन को मंजूरी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह कोड पर्यटकों के साथ ही देश के नागरिकों और विदेशियों पर भी लागू होगा।
इंडोनेशिया की सरकार ने सेक्स को लेकर ऐसा कानून लागू कर दिया है कि टूरिस्ट्स अब वहां जाने से ही घबराने लगे हैं। जी हां, इंडोनेशिया में एक नया क्रिमिनल कोड लागू हुआ है जिसके तहत शादी से बाहर सेक्स करने पर रोक लगा दी गई है। देश की टूरिस्ट इंडस्ट्री की ओर से इस कोड पर कड़ा ऐतराज जताया जा रहा है। इसकी तुलना औपनिवेशिक युग की दंड संहिता से की जा रही है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को इस बात की चिंता है कि नए कोड के चलते टूरिस्ट्स अब इंडोनेशिया से मुंह मोड़ सकते हैं।
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही नए संशोधन को मंजूरी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, यह कोड पर्यटकों के साथ ही देश के नागरिकों और विदेशियों पर भी लागू होगा। इसका उल्लंघन करने पर 1 साल की जेल हो सकती है या फिर भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, नया कानून अविवाहित जोड़ों को एक साथ रहने से भी रोकता है। इस नए कोड पर अमल भी शुरू हो चुका है, जिसके तहत विवाह के बाहर सेक्स पर नकेल कसने को लेकर होटलों पर छापे मारे गए हैं।
'पर्यटक नहीं आना चाहेंगे और निवेशक भी भागेंगे'
नए क्रिमिनल कोड की वजह से टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों की चिंता निवेशकों के दूर जाने को लेकर भी है। आशंका इस बात की जताई जा रही है कि इससे इंडोनेशिया आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है। ऐसी स्थिति में इन्वेस्टर्स भी दूर भागने लगेंगे। इनका तर्क यह भी है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगी पाबंदियों के दौरान पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। अब जब यह सेक्टर दोबारा खड़ा हो ही रहा था कि ऐसा कानून लागू किया जा रहा है जिससे पर्यटक यहां आने से बचने लगें। यह स्थिति देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं होगी।
'सरकार ही बताए कि क्या थी ऐसे कोड की जरूरत'
इंडोनेशिया के राष्ट्रीय पर्यटन बोर्ड ने नए कोड को पूरी तरह से उलटा असर डालने वाला बताया है। एसोसिएशन ऑफ द इंडोनेशियन टूर एंड ट्रैवल एजेंसी बाली के अध्यक्ष आई पुतु विनास्ट्रा ने कहा, 'खासतौर से यूरोपीय देशों में बहुत से लोग बिना शादी ही एक साथ रहते हैं और यहां तक कि उनके बच्चे भी हैं। हमें उनकी प्राइवेसी की रक्षा करनी चाहिए। मगर यह कोड तो एकदम इसके खिलाफ है। हमारी मांग है कि सरकार इसकी जरूरत के बारे में हमें समझाए। साथ ही दूसरे देशों के लोग भी इसकी अहमियत को जानना चाहेंगे।'
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