एक जोड़ी जूतों को क्यों महीने भर तक खोजती रहीं तीन एजेंसियां, महिला डॉक्टर के पास मिले
ओडिशा के एक सीनियर रेलवे अधिकारी की बेटी केे जूते ट्रेन में सफर करने के दौरान खो गए। इसके बाद तीन एजेंसियां जूते की तलाश महीनेभर करती रहीं। बाद में पता चला कि एक महिला डॉक्टर गलती से जूते पहन गई थी।
उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान आजम खान की भैंसों को ढूंढने का मामला काफी चर्चा में था। अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है। तीन-तीन एजेंसियां महीनेभर तक एक जोड़ी जूते ढूंढती रहीं। बाद में पता चला कि एक महिला डॉक्टर गलती से जूते पहन गई थी। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्पोरेशन उत्तर प्रदेश औऱ ओडिशा में जूते का पता लगा रहे थे।
यह जूता ओडिशा के एक सीनियर रेलवे अधिकारी की बेटी का था। यह जूता ओडिशा के एक सीनियर रेलवे अधिकारी की बेटी का था। दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाली 34 साल की फीमेल डॉक्टर के पास से वे जूते मिले। इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर मनोज त्यागी ने बताया कि डॉक्टर से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वह बरेली जंक्शन पर उतरी थीं और गलती से दूसरे जूते पहन गई।
डॉक्टर ने बताया कि जूतों का साइज भी लगभग एक ही था। अधिकारियों ने बताया महिला डॉक्टर के खिलाफ कोई चार्ज फ्रेम नहीं किए गए हैं। जूते शिकायतकर्ता को वापस कर दिए जाएंगे। बता दें कि डिविजनल रेलवे मैनेजर ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन विनीत सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनकी 20 साल की बेटी के जूते चोरी हो गए हैं।
अधिकारी ने कहा था कि लखनऊ मेल के एसी फर्स्ट क्लास कोच से जूते चोरी हो गए जिनकी कीमत 10 हजार रुपये थी। उनकी बेटी ने कहा था कि बरेली जंक्शन पर उनके साथ ही सफर करने वाली महिला उनके जूते ले गई है। वहीं वह अपने पुराने पिंक कलर के जूते छोड़ गई हैं। इसके बाद 24 जनवरी को शिकायत बरेली जीआरपी को ट्रांसफर कर दी गई थी। इसके बाद जांच की गई तो महिला का भी पता चल गया। आईपीसी की धारा 380 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।
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