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अगले साल ताइवान पर हमला करेगा चीन? मतदान जारी, नागरिकों ने उठा लिए हथियार

गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृह युद्ध के दौरान चीन से ताइवान अलग हो गया था, लेकिन उच्च तकनीक अर्थव्यवस्था वाले 2.3 करोड़ लोगों के इस द्वीपीय देश को बीजिंग लगातार चीनी क्षेत्र के रूप में मानता रहा है।

Amit Kumar एजेंसियां, ताइपेSat, 13 Jan 2024 09:17 AM
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ताइवान में राष्ट्रपति पद के लिए बेहद अहम चुनाव जारी है। मतदान की प्रक्रिया शनिवार को सुबह आठ बजे शुरू हुई और शाम चार बजे तक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। ये चुनाव इस आशंका के बीच हो रहे हैं कि पड़ोसी देश चीन अगले दो से तीन साल में कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है। चुनावी मामलों की एजेंसी के अनुसार प्रत्येक पात्र मतदाता राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक मत डालेगा, जबकि विधायिका चुनाव के लिए दो वोट डाले जाएंगे, जिसमें से एक मतदाता के चुनावी जिले का प्रतिनिधत्वि करने वाले उम्मीदवार के लिए और दूसरा एक राजनीतिक दल के लिए होगा। इस द्वीप राष्ट्र की विधायिका में 113 सीटें हैं, जिनमें 73 सीधे नवनिर्वाचित हुईं क्षेत्रीय सीटें शामिल हैं। चुनावी मामलों की एजेंसी के अनुसार मतदान के नतीजे शनिवार देर रात घोषित होने की उम्मीद है।

इलेक्शन के बीच नागरिकों ने उठा लिए हथियार

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवानी नागरिक अभी से चीनी आक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने चीन के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार उठा लिए हैं। ताओयुआन शहर में रहने वाले ताइवानी सोफा निर्माता वू झेंग कांग कहते हैं, "मुझे लगता है कि चीन 2025 और 2027 के बीच ताइवान पर आक्रमण करेगा। हम भोजन इकट्ठा करेंगे। ये राशन हमारे पूरे परिवार के लिए 20 दिन से एक महीने तक चल सकता है।" उन्होंने अभी से स्टॉक में रखी भोजन सामग्री भी दिखाई है। इसके अलावा, कांग ने हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ली है और अपने नागरिक सुरक्षा समूह के साथ साप्ताहिक सभाएं की हैं, जहां वे अपने जीवित रहने के हुनर को और निखार रहे हैं।

ताइवान में स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट है कि लगभग पांच लाख लोग स्वेच्छा से नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण में शामिल हुए हैं। वू कांग उनमें से एक हैं। उन्होंने आगे बताया, ''जब युद्ध आएगा, तो चीजें कठिन हो जाएंगी।'' उनका डर यह है कि ताइवानी सेना और रिजर्व फोर्स चीन के सैन्य आक्रमण का सामना करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। इसलिए उन्हें और उनके साथियों को युद्ध के लिए संगठित होना और प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। वू कांग कहते हैं, ''इसलिए आपको युद्ध शुरू होने से पहले वर्षों की शुरुआत करनी होगी।''

कई ताइवानी मानते हैं कि उनके देश को 'खुद में मिलाने' को लेकर चीन की बयानबाजी एक दूर का खतरा है। लेकिन हाल के वर्षों में बीजिंग और ताइपे के बीच तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। वू कांग का मानना है कि अपने प्रशिक्षण साथियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने से आपात्कालीन स्थिति में उनकी, उनकी पत्नी और उनके तीन वर्षीय बेटे की सुरक्षा होगी। वे कहते हैं, “इस तरह के समूह में रहकर, मुझे अपना मकसद याद आता है। जब युद्ध आता है, तो लड़ने के लिए किसी न किसी को होना पड़ता है।"

गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृह युद्ध के दौरान चीन से ताइवान अलग हो गया था, लेकिन उच्च तकनीक अर्थव्यवस्था वाले 2.3 करोड़ लोगों के इस द्वीपीय देश को बीजिंग लगातार चीनी क्षेत्र के रूप में मानता रहा है और जरूरत पड़ने पर सैन्य बल द्वारा इसे हासिल करने की धमकी भी देता रहा है।

ताइवानी चुनाव पर दुनिया की नजर

ताइवान में जारी मतदान पर पूरी दुनिया की नजर है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के बीच शुक्रवार को चीन के एक वरिष्ठ राजनयिक के साथ बैठक के दौरान ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किए जाने के दौरान तनाव कम करने की मांग की है। ब्लिंकन ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्री लियू जियानचाओ के साथ बैठक की। इसके कुछ समय बाद उन्होंने एशिया में अमेरिका के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा से मुलाकात की।

इस चुनाव के नतीजे अगले चार साल तक चीन के साथ उसके संबंधों की दिशा तय कर सकते हैं। इस चुनाव में ताइवान की शांति और स्थिरता दांव पर लगी है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते निवर्तमान राष्ट्रपति ताई इंग-वेन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और स्वतंत्रता समर्थक पार्टी को अभूतपूर्व रूप से तीसरी बार जीताने की कोशिश में लगे हैं। लाई अपने गृह नगर तैनान में वोट डाला। चीन समर्थक कुओमिंगतांग पार्टी के उम्मीदवार होऊ यू-इह, न्यू ताइपे शहर में अपना वोट डाला। इसे नेशनलिस्ट पार्टी के नाम से भी जाना जाता है।

को वेन-जे की युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता 

युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रियता हासिल करने वाले ताइवान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार को वेन-जे ने ताइपे में वोट डाला। वे दो प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प पेश कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने शुक्रवार रात को अपना प्रचार अभियान पूरा किया। तैनान में लाई ने बताया कि उन्होंने 1996 में पहले राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व ताइवानी मतदाताओं को डराने-धमकाने के इरादे से चीन के मिसाइल परीक्षण और सैन्य अभ्यासों के कारण सर्जन के रूप में अपना करियर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा, ''मैं ताइवान में अभी-अभी शुरू हुए लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता था। मैंने मोटी तनख्वाह वाली अपनी नौकरी छोड़ दी और लोकतंत्र में अपने बड़ों के पदचिह्नों पर चलने का फैसला किया।''

ताइवान पुलिस बल के पूर्व प्रमुख और राजधानी के उपनगरों के मेयर होऊ ने कहा कि बीजिंग के साथ रिश्तों पर लाई का नजरिया अनिश्चितता और बल्कि युद्ध की आशंका पैदा कर सकता है। चीन की सैन्य धमकियां कुछ मतदाताओं को स्वतंत्रता समर्थक उम्मीदवारों के खिलाफ कर सकती हैं लेकिन अमेरिका ने किसी भी सरकार के बनने पर उसे समर्थन देने का संकल्प लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चुनाव के तुरंत बाद द्वीपीय देश में पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों वाला एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनायी है।

यह कदम बीजिंग और वाशिंगटन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों में बाधा पैदा कर सकता है जो कि हाल के वर्षों में व्यापार, कोविड-19, ताइवान के लिए अमेरिका के समर्थन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण तनावपूर्ण हैं। चीन के साथ तनाव के अलावा ताइवान का चुनाव काफी हद तक घरेलू मुद्दों पर निर्भर करता है खासतौर से अर्थव्यवस्था पर जो पिछले साल महज 1.4 प्रतिशत बढ़ी है। 

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