भूटान में भारत समर्थक PDP नेशनल असेंबली चुनाव का पहला राउंड जीती, फाइनल वोटिंग 9 जनवरी को
भूटान की नेशनल असेंबली के चुनाव में भारत समर्थक पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 42.5 परसेंट वोट के साथ पहला राउंड जीत लिया है। अब 9 जनवरी को फाइनल वोटिंग होगी जिसके बाद नई सरकार बनेगी।
भूटान में भारत समर्थक पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) 42.5 परसेंट वोट के साथ नेशनल असेंबली प्राइमरी चुनाव जीत गई है। भूटान के संसदीय चुनाव के पहले राउंड में वोटर कैंडिडेट को वोट देते हैं और फिर उसके आधार पर जो दो सबसे बड़ी पार्टी बनती है वो आखिरी राउंड का चुनाव लड़ती है। फाइनल में दोनों पार्टी दोबारा उसी कैंडिडेट या दूसरे उम्मीदवार को लड़ा सकती है। 9 जनवरी को भूटान के संसदीय चुनाव के फाइनल राउंड की वोटिंग होगी जिसके नतीजों के साथ देश में नई सरकार बनेगी। भूटान में 47 सीट हैं जिसके लिए नेशनल असेंबली के चुनाव होते हैं।
प्राइमरी चुनाव में दूसरे नंबर पर रही भूटान टेंड्रेल पार्टी (बीटीपी) को महज 19.5 परसेंट वोट मिला है जिससे पूरे आसार हैं कि पीडीपी नेशनल असेंबली चुनाव जीतेगी और सरकार बनाएगी। भूटान में चीनी दखल की कोशिशों के बीच पीडीपी के मुखिया और पूर्व पीएम शेरिंग तोगबे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं और भारत से अच्छे संबंधों की वकालत करते हैं।
भूटान के प्राइमरी चुनाव में पांच पार्टियों ने हिस्सा लिया था। पीडीपी और बीटीपी के अलावा नेशनल असेंबली के चुनाव में ड्रक फुएनसुम शोगपा (डीपीटी) को 14.91 परसेंट, ड्रक न्यामरूप शोगपा (डीएनटी) को 13.13 परसेंट और ड्रक थुएंड्रेल शोगपा (डीटीटी) को 9.84 फीसदी वोट मिले हैं। भूटान में 2008 में संसदीय व्यवस्था लागू होने के बाद पहली बार सबसे ज्यादा संख्या में पांच पार्टियों ने नेशनल असेंबली के चुनाव में हिस्सा लिया है। भूटान में टोटल 4,97,058 वोट हैं जिनमें 3,13,162 वोटर ने वोट किया। वोटिंग का प्रतिशत लगभग 63 परसेंट रहा। भूटान चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्राइमरी चुनाव के नतीजे जारी किए हैं।
भूटान के चुनाव में भारत की दिलचस्पी रहती है क्योंकि भारत और चीन के बीच में यह पहाड़ी देश बफर जोन की तरह है और हमेशा से भारत की तरफ झुका रहा है। भारत की दिलचस्पी तब से और बढ़ गई है जब भूटान और चीन ने सीमा विवाद पर 25वें दौर की वार्ता की। चीन ने भूटान को डोकलाम एरिया में भूटानी कब्जे वाले इलाकों को चीन को सौंपने के बदले चीनी कब्जे वाले जकरलुंग और पसमलुंग इलाके भूटान के हवाले करने का ऑफर दिया है।
डोकलाम एरिया में ही 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सैन्य गतिरोध दो महीने चला था। यह इलाका सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक है और रणनीतिक तौर पर बहुत अहम है क्योंकि ये पूर्वोत्तर राज्यों को बाकी भारत से जोड़ता है। भूटान और चीन के बीच चल रही बातचीत पर भारत की नजर रहती है। ऐसे में भारत की तरफ झुकाव रखने वाली पीडीपी की प्राइमरी चुनाव में जीत भारत के लिए अच्छी खबर है। पीडीपी अध्यक्ष शेरिंग तोगबे 2013 से 2018 तक भूटान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और जब वो 2016 में वाइब्रैंट गुजरात समिट में आए थे तो उन्होंने कहा था कि यह उनके लिए आर्थिक तीर्थ है।
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