आतंकियों से क्या लड़ेगा पाकिस्तान, हथियार तक नहीं; अमेरिका से मांग रहा भीख
आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने एक नए अभियान "ऑपरेशन आज्म-ए-इस्तेहकम" की घोषणा की थी। लेकिन अब इस अभियान में अमेरिकी मदद के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने हाथ फैलाने शुरू कर दिए हैं।
पाकिस्तान अब आतंकवाद से परेशान होकर आतंक के खात्मे के लिए नई रणनीतियां बना रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ अपने नए अभियान "ऑपरेशन आज्म-ए-इस्तेहकम" की घोषणा की थी। अब पाकिस्तान ने अमेरिका से इस अभियान में मदद की गुहार की है। अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत ने इस अभियान के लिए अमेरिका से पाकिस्तान को छोटे हथियार और आधुनिक उपकरण देकर मदद करने के लिए कहा है।
पाकिस्तान की सरकार ने "अज्म ए इस्तेहकम" ऑपरेशन शुरू करने का निर्णय 22 जून को लिया था, जिसके बाद पाक रक्षा मंत्री ने एक अखबार को बयान देते हुए कहा था कि वह अफगानिस्तान की जमीन पर बने टीटीपी के ठिकानों पर भी हमला कर सकते हैं, क्योंकि टीटीपी के हमलावर पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर पाकिस्तान की सेना और रहवासियों पर हमला करते हैं और अफगानिस्तान की सीमा में जाकर छिप जाते हैं। अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद टीटीपी के पाकिस्तान पर हमलों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
अमेरिका में मौजूद पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान ने वाशिंगटन में एक समारोह में कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में आतंकवादी नेटवर्क का विरोध करने और उसे नष्ट करने के लिए आज्म ए इस्तेहकम लॉन्च किया है। इस अभियान की सफलता के लिए हमें बेहतर तकनीक के छोटे हथियारों और संचार उपकरणों की जरूरत है।
खान ने कहा कि एक नये अभियान को शुरू करने का फैसला तब लिया गया जब पाकिस्तान को तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों के एक नए हमले का सामना करना पड़ा, जिसे पड़ोसी देश अफगानिस्तान शरण दे रहा है। पाकिस्तान और अमेरिका को मजबूत सुरक्षा संबंध बनाए रखने चाहिए, जिससे पाकिस्तान आतंकवाद को सिरे से सफाया कर सके। खान ने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिका को काबुल में अपने डिप्लोमैटिक प्रयासों में पाकिस्तान को साझेदार मानना चाहिए और आतंकवाद विरोधी और अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर सहयोग करना चाहिए।
अमेरिका ने भी किया पाकिस्तान का समर्थन
अमेरिकी विदेशी विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा," हम आतंकवाद से लड़ने के किसी भी प्रयास का समर्थन करते हैं। अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के पाकिस्तान के प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि इससे कानून के शासन और मानवाधिकारों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है। पाकिस्तानी लोगों ने आतंकवाद का दंश बहुत दशकों से झेला है। उम्मीद करता हूं कि आगे किसी भी देश को इस तरह के आतंकी कुकृत्यों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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