दक्षिण सूडान में बाढ़ से बेहाल लोग पत्ते खाने को मजबूर, करीब 10 लाख की आबादी बेघर
दक्षिणी सूडान में हर तरफ बाढ़ के पानी से घिरे लोग कठिनाइयों और अमानवीय पस्थितियों से गुजर रहे हैं। हालात ये हैं कि लोग प्यास बुझाने के लिए गंदा पानी और पेट भरने के लिए पेड़ के पत्ते खाने को मजबूर...
दक्षिणी सूडान में हर तरफ बाढ़ के पानी से घिरे लोग कठिनाइयों और अमानवीय पस्थितियों से गुजर रहे हैं। हालात ये हैं कि लोग प्यास बुझाने के लिए गंदा पानी और पेट भरने के लिए पेड़ के पत्ते खाने को मजबूर हैं। पीड़ितों के मुताबिक उनकी याद में अब तक ऐसी भयानक बाढ़ नहीं आई थी। करीब 10 लाख लोग देश में विस्थापित हैं या महीनों से अलग-थलग पड़े हुए हैं।
रेगीना नयाकोल पिनी नौ बच्चों की मां हैं। वे अब वांगचोट में एक प्राथमिक विद्यालय में रहती हैं क्योंकि उनका घर जलमग्न हो गया। रेगीना ने कहा-हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है, हम संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों पर निर्भर हैं या फिर जंगल की लकड़ियां जमा करके उसे बेच कर गुजारा कर रहे हैं, मेरे बच्चे पानी की वजह से बीमार हैं और कोई भी चिकित्सा सुविधा मौजूद नहीं है।
बीमारी का संकट:
गृह युद्ध से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे इस देश में भुखमरी और बीमारी का संकट पैदा हो गया। बाढ़ प्रभावित जोंगलेई राज्य के ओल्ड फंगक क्षेत्र के लोगों ने बातचीत में बताया कि उन्हें खाना और स्वास्थ्य सुविधा की तलाश में घंटों सीनेभर पानी में चलना पड़ा। लोग यहां मलेरिया और डायरिया की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
कई लोग डूबे, मवेशी मर रहे:
वांगचोट गांव के प्रमुख जेम्स डांग ने कहा कि उन्होंने बाढ़ को देखते हुए लोगों को कस्बे के केंद्र में भेजने का निर्णय लिया गया है। अब तक कई लोग डूब चुके हैं। लेकिन अब अब मवेशी भी मरने लगे हैं। बचे लोगों को सूखे क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। कई लोग बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत कर रहे हैं।
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