नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले वाइल्डर्स बन सकते हैं नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, जीत की ओर
इस्लाम विरोधी और यूरोपियन यूनियन तक को बेकार बताने वाले गीर्ट वाइल्डर्स अब नीदरलैंड के पीएम भी बन सकते हैं। उनकी पार्टी ने देश के संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल की है, जिसका हर जगह चर्चा है।
नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर जब दुनिया भर में बवाल मचा था तो नीदरलैंड से उन्हें समर्थन मिला था। उनका नीदरलैंड के सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने सपोर्ट किया था और कहा था कि मैं भारत से भी अपील करूंगा कि वह कट्टरपंथी मुसलमान देशों के दबाव में न आए। इस्लाम विरोधी और यूरोपियन यूनियन तक को बेकार बताने वाले गीर्ट वाइल्डर्स अब नीदरलैंड के पीएम भी बन सकते हैं। उनकी पार्टी देश के संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल कर सकती है। एग्जिट पोल्स के अनुमान में वह भारी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार नीदरलैंड में इतना बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। इसका असर पूरे यूरोप पर देखने को मिलेगा।
गीर्ट वाइल्डर्स ने नूपुर शर्मा का बचाव करते हुए कहा था, 'यह हैरान करने वाली बात है कि अरब और इस्लामिक देश भारत की राजनेता नूपुर शर्मा के बयान पर भड़के हैं। उन्होंने पैगंबर के बारे में सही बोला था।' यही नहीं एक और ट्वीट करते हुए गीर्ट ने भारत सरकार से डिफेंसिव मोड में न आने की अपील की थी। गीर्ट ने लिखा था, 'तुष्टीकरण से कभी कोई फायदा नहीं होता। इससे चीजें खराब ही होती हैं। इसलिए भारत के मेरे दोस्तों इस्लामिक देशों के आगे दबाव में मत आओ। इसकी जगह नूपुर शर्मा की अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में खड़े हो, जिसने पैगंबर मोहम्मद के बारे में सच बोला है।'
उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि भारत और नीदरलैंड जैसे देश लोकतांत्रिक हैं और अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करने वाले हैं। हमें मुसलमान देश ज्ञान नहीं दे सकते, जो कट्टरता से भरे हैं और वहां लोगों को किसी भी तरह की आजादी नहीं है। वहां रहने वाले दूसरे धर्मों के लोगों से बेहद बुरा बर्ताव होता है।
कौन हैं गीर्ट वाइल्डर्स, जिनकी जीत पर मचा हल्ला
नीदरलैंड के छोटे से कस्बे वीनलो में वाइल्डर्स का 1963 में जन्म हुआ था। उनके पिता एक प्रिंटिंग कंपनी में मैनेजर थे, जबकि मां हाउसवाइफ थीं। रोमन कैथोलिक परिवार में पले-बढ़े गीर्ट वाइल्डर्स चर्च से जुड़े रहे हैं। ओपन यूनिवर्सिटी से लॉ और हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में पढ़ने वाले गीर्ट वाइल्डर्स को उनके कट्टरपंथी विचारों के लिए जाना जाता है। इस्लामिक देशों की आलोचना करने वाले वाइल्डर्स की बीते कुछ सालों में तेजी से लोकप्रियता बढ़ी है। उनकी राजनीति की शुरुआत स्पीच राइटर के तौर पर हुई थी। फिर वह खुद ही चुनावी राजनीति में उतर गए। उन्होंने फिर 2006 में अपना एक अलग दल बना लिया। इसका नाम पार्टी फॉर फ्रीडम रखा। अब यह पार्टी देश की सत्ता में आने वाली है।
इस्लाम के खिलाफ खुलकर बोलने से रहा जान को खतरा
गीर्ट वाइल्डर्स को कई बार मौत की धमकियां भी मिलती रही हैं। वह इस्लाम के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। इसी के चलते वह अकसर कड़ी सुरक्षा में ही रहते हैं। इस्लाम को वह फासीवादी विचारधारा का पोषक और पिछड़ा बताते रहे हैं। नूपुर शर्मा के बचाव में भी वह खूब बोले थे। इसी वजह से उनकी इस्लामिक देशों में आलोचना होती रही है। नीदरलैंड में यदि वह पीएम बने तो पूरे यूरोप में असर दिख सकता है। वह तो नीदरलैंड में कुरान पर पाबंदी लगाने और मस्जिदों को बंद करने तक की मांग करते रहे हैं।
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