शपथ ग्रहण में गए किरेन रिजिजू, मालदीव के राष्ट्रपति बोले- अपने सैनिक वापस ले जाओ
भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू ने शुक्रवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर मोहम्मद मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया था।
शपथ लेने के एक दिन बाद, मालदीव के नए राष्ट्रपति ने आधिकारिक तौर पर भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। मालदीव के इस आधिकारिक अनुरोध को राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा शनिवार (18 नवंबर) को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया गया। मालदीव ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से भारतीय सैनिकों को वापस ले जाने का अनुरोध किया है। बता दें कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर मोहम्मद मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया था।
इस दौरान उन्होंने मुइज्जू से मुलाकात की थी। इसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज अपलोड की गई। पहले इसमें केवल दो लाइन लिखी थीं जिसमें भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने का जिक्र था। बाद में इसे हटाकर एक बड़ी प्रेस रिलीज अपलोड की गई। इसमें भी भारतीय सैनिकों का जिक्र है। इसमें कहा गया, "बैठक में राष्ट्रपति मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत सरकार से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव के लोगों ने उन्हें भारत से अनुरोध करने के लिए मजबूत जनादेश दिया और उम्मीद जताई कि भारत मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा।" इसमें आगे लिखा है कि मंत्री किरेन रिजिजू के साथ मामले पर चर्चा करते हुए, राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने कई आपातकालीन चिकित्सा निकासी प्रदान करने में दो हेलीकॉप्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया है।
मालदीव, हिंद महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है। शुक्रवार को चैनल न्यूज एशिया के साथ एक इंटरव्यू में, नए राष्ट्रपति ने तुरंत कहा कि मालदीव की विदेश नीति को रीसेट करना उनकी सरकार के पहले 100 दिनों में उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा। मालदीव के राष्ट्रपति ने रिजिजू के साथ बैठक में भारतीय सैनिकों की कथित उपस्थिति की मुद्दा उठाया था। जहां मालदीव इस मसले को सार्वजनिक कर चुका है, तो वहीं भारत की ओर से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
बैठक के बाद रिजिजू ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मिलकर खुशी हुई। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं और द्विपक्षीय सहयोग तथा दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।’’
मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चीन के साथ निकट संबंध स्थापित किए थे। मुइज्जू ने सितंबर में हुए चुनाव में अपने पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को पराजित किया था जो भारत समर्थक थे। इस शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति की विशेष दूत और स्टेट काउंसलर शेन यिकिन भी उपस्थित रहीं।
मालदीव गणराज्य के विदेश मंत्रालय के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के न्याय मंत्री अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन अवद अल नुआइमी, यूएनईएससीएपी की अवर-महासचिव आर्मिडा साल्सियाह अलिसजहबाना, राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड केसी और तुर्किये के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मेहमत नूरी एर्साय भी समारोह में शामिल हुए।
इससे पहले रिजिजू ने 4,000 मकानों वाले आवासीय परियोजना का भी जायजा लिया, जो भारत सरकार की इकाई एनबीसीसी, भारत के एक्सिम बैंक और एक निजी कंपनी द्वारा साथ मिलकर बनाई जा रही है। किफायती दरों पर घर मुहैया कराने वाली इस परियोजना के लिए मालदीव सरकार के साथ भागीदारी की गई है।
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