नेपाल ने ड्रैगन से दूरी ही समझी बेहतर? PM बनने के बाद सबसे पहले भारत आएंगे प्रचंड
नेपाल के प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए पारंपरिक रूप से भारत जाते हैं, लेकिन प्रचंड 2008 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर पहले भारत जाने के बजाय चीन गए थे।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' पीएम पद का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत आएंगे। उन्होंने कहा, 'मैं जल्द ही भारत की यात्रा करूंगा। इसके लिए राजनयिक स्तर पर तैयारियां जारी हैं।' तीसरी बार प्रधानमंत्री बने प्रचंड ने आधिकारिक प्रधानमंत्री आवास बालूवाटार में कहा, 'संबंधित दूतावास मेरी यात्रा संबंधी तैयारियां कर रहे हैं।' बहरहाल, नेपाल सरकार ने प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यात्रा कार्यक्रम को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
कम्युनिस्ट नेता प्रचंड को चीन का करीबी समझा जाता है। ऐसे में उनके PM बनने के बाद पहली विदेश यात्रा के तौर पर भारत को चुनने को काफी अहम माना जा रहा है। नेपाली विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हम अपने समकक्षों के सहयोग से तिथि और विस्तृत कार्यक्रम के साथ-साथ यात्रा के एजेंडे को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की ओर से पद संभालने के बाद किसी पड़ोसी देश की यात्रा किया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। हम इसके लिए आंतरिक तौर पर हमेशा तैयार रहते हैं।'
पहली बार PM बने तो भारत नहीं चीन गए थे प्रचंड
प्रचंड ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकालों के दौरान भी भारत की आधिकारिक यात्रा की थी। प्रचंड ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा के निमंत्रण पर पिछले साल जुलाई में भारत की यात्रा की थी। नेपाल के प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए पारंपरिक रूप से भारत जाते हैं, लेकिन प्रचंड 2008 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर पहले भारत जाने के बजाय ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के लिए चीन गए थे। बहरहाल, प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा की थी।
'भारत ने जोर दिया तो जल्द हो सकती है यात्रा'
यात्रा संबंधी जानकारी रखने वाले सीपीएन (माओवादी सेंटर) के 2 नेताओं ने 'द काठमांडू पोस्ट' समाचार पत्र से कहा कि नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद प्रचंड यात्रा करेंगे। उनमें से एक ने कहा, 'अगर भारतीय पक्ष जोर देता है, तो यह यात्रा नए राष्ट्रपति के चुनाव से पहले भी हो सकती है।'
मालूम हो कि राष्ट्रपति पद के लिए फरवरी में चुनाव होने हैं। मौजूदा राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का कार्यकाल मार्च के अंत में समाप्त हो जाएगा। विदेश मंत्रालय के सीनियर अधिकारी ने बताया कि नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौड्याल ने सितंबर में भारत की यात्रा की थी। उस समय उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष विनय मोहन क्वात्रा को नेपाल आमंत्रित किया था। अधिकारी ने कहा, 'प्रधानमंत्री को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण मिलने के बाद क्वात्रा विदेश सचिव स्तर की बैठक के लिए संभवत: काठमांडू जाएंगे।'
भारत के साथ मिलकर काम करने की जताई इच्छा
सूत्रों ने बताया कि भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लिखित बधाई संदेश प्रचंड को सौंपते हुए 30 दिसंबर को निमंत्रण सौंपा था। प्रचंड ने मोदी के संदेश का जवाब देते हुए कहा था कि वह नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से वित्त पोषित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना चाहते हैं और नेपाल-भारत संबंधों में सुधार करना चाहते हैं।
भारत के प्रति बनी छवि को सुधारने का प्रयास?
प्रचंड के तीसरी बार नेपाल का प्रधानमंत्री बनने पर इस पर बहस शुरू हो गई थी कि भारत के साथ उनके संबंध कैसे रहेंगे। आशंका जताई जा रही है थी कि कम्युनिस्ट नेता भारत की बजाय चीन को प्राथिमकता दे सकते हैं। हालांकि, अब जब उनकी ओर से अपनी पहली विदेश यात्रा के तौर पर भारत को चुनने की संभावना है तो चीजें कुछ बदलती नजर आ रही हैं। माना जा रहा है कि भारत के प्रति प्रचंड की जो छवि बनी है, यह उसमें सुधार करने की दिशा में प्रयास हो। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि बतौर प्रधानमंत्री अपने तीसरे कार्यकाल में प्रचंड ने ड्रैगन से दूरी बनानी ही बेहतर समझा हो।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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